मात्र एक माह शेष, तकनीकी गड़बड़ी ठीक नहीं
रांची। झारखंड के वित्तरहित शिक्षण संस्थानों के अनुदान का मामला फंसता जा रहा है। अब मात्र एक महीने से भी कम अवधि शेष है, लेकिन अब तक पोर्टल में आयी तकनीकी गड़बड़ी को ठीक नहीं किया गया है। इस कारण अनुदान के लिए आवंटित 90 करोड़ रुपये को लेकर शिक्षाकर्मी टकटकी लगाये हुए हैं। अनुदान की प्रक्रिया आॅनलाइन सितंबर-अक्टूबर में पूरी हो जाती थी। 20 मार्च को अनुदान समिति की बैठक के बाद अनुदान की राशि जिलों के कोषागार में भेज दी जाती है। अनुदान के लिए प्रत्येक वर्ष 585 स्कूल- इंटर कॉलेज आॅनलाइन आवेदन करते हैं। अनुदान के लिए ऑनलाइन करने के लिए संस्थाओं को एक माह का समय दिया जाता है। 15 दिन का समय जैक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया जाता है। जैक-जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा के बाद अनुदान समिति की बैठक होती है। ऐसे में समय रहते प्रक्रिया पूरी होने की गुंजाइश है।
टूटा सब्र का बांध, आंदोलन की राह
मांगों को लेकर वित्तरहित शिक्षाकर्मियों के सब्र का बांध अब टूट गया है। कर्मियों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है। इसी क्रम में विधानसभा के समक्ष 29 फरवरी को धरना देंगे। 2 मार्च को शैक्षणिक हड़ताल रहेगी। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा। इस बीच शिक्षाकर्मी सचिव का पुतला दहन करेंगे। मोर्चा के रघुनाथ सिंह, देवनाथ सिंह ने कहा कि अगर अनुदान की राशि लैप्स हुई, तो शिक्षक मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे।
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
हरिहर प्रसाद कुशवाहा, मनीष कुमार, मनोज कुमार तिर्की, डालेश चौधरी, चंद्रशेखर, विजय झा, देवनाथ सिंह, नरोत्तम सिंह, संजय कुमार, फजलुल कादिर अहमद, अरविंद सिंह, कुंदन कुमार सिंह, गणेश महतो, अनिल तिवारी, रघु विश्वकर्मा, बिरसो उरांव समेत अन्य उपस्थित थे।
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