रांची। राजधानी रांची में लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। कोर्ट ने मामले में कल यानी बुधवार को ट्रैफिक एसपी को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम के अधिवक्ता से जानना चाहा की रांची में ट्रैकिंग व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हो पा रहा है? दिन भर शहर में जाम की समस्या क्यों बनी रहती है। कई ट्रैफिक सिग्नल खराब क्यों है? सुजाता चौक, कोकर एवं अन्य जगहों पर मल्टी स्टोरेज पार्किंग की व्यवस्था अब तक क्यों नहीं की गई? लगातार ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का लाइसेंस क्यों नहीं निलंबित किया जाता है? रांची शहर में आम नागरिकों को समय-समय पर ट्रैफिक रूल की जानकारी क्यों नहीं दी जाती है? इसपर रांची निगम की ओर से बताया गया कि पहले की तुलना में ट्रैफिक व्यवस्था में कई सुधार हुए हैं।
ट्रैफिक रूल का उल्लंघन करने वालों से जुमार्ना के रूप में 1000 रुपए वसूला जाता है।।रांची शहर में फ्लाईओवर निर्माण के कारण जाम की समस्या बनती है। कांटाटोली फ्लाई ओवर का निर्माण वर्ष 2024 के दिसंबर माह में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। रांची शहर में बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण पूरा होने पर जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा। कोर्ट ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों द्वारा सड़कों का अतिक्रमण किए जाने से जाम की समस्या अत्यधिक होती है। कोर्ट ने रांची नगर निगम के जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए ट्रैफिक एसपी को अदालत में तलब किया।