Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, May 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»अन्य खबर»मोदी की गारंटी बनाम कांग्रेस का न्याय
    अन्य खबर

    मोदी की गारंटी बनाम कांग्रेस का न्याय

    adminBy adminApril 7, 2024No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सभी राजनीतिक दल अपने अस्तित्व को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से बयानबाजी कर रहे हैं। इतना ही नहीं विपक्षी राजनीतिक दल केवल वर्तमान सत्ताधारी दल के विरोध पर ही अपना पूरा फोकस करते हुए चुनावी मैदान में हैं। बड़ी बात यह कि भाजपा ने जहां मोदी की गारंटी को प्रमुख हथियार बनाया है, वहीं अब कांग्रेस भी इसका अनुसरण करने की नीति अपना रही है। भाजपा की ओर से मोदी की गारंटी के बाद राहुल गांधी अपनी पार्टी की 25 गारंटी जनता के सामने लाए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र का नाम देकर एक नई राह बनाने का काम किया है। हालांकि पिछला लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस ने न्याय देने के वादे पर ही लड़ा था, लेकिन अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए।

    एक बार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कांग्रेस की योजनाओं की नाकामी को स्वीकार करते हुए सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया था कि सरकार गरीब जनता तक जो लाभ पहुंचाती है, उसका मात्र 15 प्रतिशत ही पहुँच पाता था। इसका आशय यह है कि 85 प्रतिशत राशि या तो कमीशनखोरी में जाता था या प्रशासनिक अव्यवस्था की भेंट चढ़ जाता था। इसका एक अर्थ यह भी निकाला जा सकता है कि कांग्रेस शासनकाल में हर शासकीय योजना भ्रष्टाचार का शिकार हुई। इसके विपरीत वर्तमान केंद्र सरकार में कम से कम इतना तो हुआ ही है कि गरीब तक पहुँचने वाला लाभ बिना किसी बिचौलिए के पात्र व्यक्ति को शत प्रतिशत मिल रहा है। यानी अब योजनाएं बिना किसी भ्रष्टाचार के पूरी हो रही हैं।

    कांग्रेस पार्टी की और से दी जाने वाली गारंटी निश्चित ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल में बढ़ोतरी करेगी। क्योंकि अब उनके पास भी जनता के बीच अपनी योजनाएं रखने के लिए मौका है। कांग्रेस के यह बात भी एक संजीवनी का कार्य कर रही है कि उसके नेता राहुल गांधी जनता के बीच जाने के लिए बहुत तेजी से सक्रिय हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को केवल मोदी विरोध की राजनीति से तौबा करना चाहिए, उसे जनता के बीच जाकर अपने वादे बताकर जनता से संबंध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।

    कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में न्याय देने की बात कही गई है। साथ ही जातिगत जनगणना करने का भी वादा किया गया है। हो सकता है जातिगत जनगणना का वादा कांग्रेस के लिए लाभकारी साबित हो, लेकिन इस बात में पूरा संदेह है कि इस मुद्दे पर देश की जनता आँख बंद करके उसका समर्थन करे। क्योंकि जो संस्थान या व्यक्ति समाज को एक करने का प्रयास कर रही है, उनको कांग्रेस का वादा न्यायसंगत नहीं लग रहा होगा। यह बात सही है कि आज समाज बदल रहा है। वह जातिगत समाज के बाहर आकर भारतीय समाज यानी एकत्रित समाज होने की दिशा में बढ़ रहा है। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि कांग्रेस का यह कदम समाज में विभाजन की लकीर खींचने का काम कर सकता है।

    इस देश के अनेक चुनावों में यह देखने को मिला है कि विपक्षी दल महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने का अभियान सा चलाते थे। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में महंगाई के मुद्दे को उछालकर कांग्रेस की नींद हराम कर दी थी, इसी प्रकार बोफोर्स मामले को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने चुनाव लड़ा, जिसमें राजीव गांधी की सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। आज विपक्ष के पास सरकार के विरोध में ऐसा कोई मुद्दा नहीं है, जिस पर सरकार को घेरा जा सके। इसके विपरीत सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। यह राजनीति की दशा और दिशा को बदलने वाला दृश्य कहा जा सकता है। यह पहला चुनाव कहा जा सकता है, जिसमें सत्ता पक्ष विपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा रहा है। विपक्ष के कुछ दल इस मामले में मौन साधे हुए हैं, क्योंकि जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, वे उनके साथी उनके साथ हैं। इससे यह भी साफ संकेत जाता है कि भ्रष्टाचार के विरोध में विपक्ष की कोई योजना नहीं है। मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, जबकि विपक्ष पर आज भी आरोप लग रहे हैं। कई तो जमानत पर बाहर हैं।

    अब जब लोकसभा चुनाव का मैदान सज गया है, सभी राजनीतिक दल अपने बयानों में पैनापन ला रहे हैं। इस बार का चुनाव कई दलों के लिए आरपार की लड़ाई हो गई है। जो राजनीतिक दल सत्ता सुख से लम्बे समय से दूर हैं, वे बेचैन से हो रहे हैं। हालांकि यह भी एक बड़ा सच है कि सत्ता पक्ष को निरंकुश होने से बचाने के लिए मजबूत विपक्ष का होना बहुत आवश्यक है, लेकिन यह भी सत्य है कि विपक्ष को मजबूत करने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से प्रयास नहीं किए जाते। इसके लिए स्वयं विपक्ष को ही प्रयास करना होगा। विपक्ष की ओर से यह भी आरोप लगाया जाता है कि केंद्र सरकार विपक्ष को कमजोर कर रही है, ऐसा आरोप लगाना विपक्ष की कमजोरी को ही दर्शाता है। इसलिए विपक्ष को अब एक ताकत के रूप में अपने आपको प्रस्तुत करना होगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleचक्रधरपुर में नकली शराब फैक्टरी का भंडाफोड़, चार लोग हिरासत में
    Next Article कृषि बाजार में लगी आग, परिसर में खड़ी आठ गाड़िया जली
    admin

      Related Posts

      इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः रूसी टेलीविजन पर हुई थी नाटकीय घोषणा- सोवियत संघ अस्तित्व में नहीं रहा

      December 24, 2024

      इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबरः उस दिन को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग जब देखते-देखते जिंदा जल गए 442 लोग

      December 22, 2024

      इतिहास के पन्नों में 22 दिसंबरः रुड़की-पिरान कलियर तक चली थी भारत की पहली मालगाड़ी

      December 21, 2024
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • पाकिस्तान ने घबराकर हमें फोन किया… भारत ने ट्रंप के कश्मीर मध्यस्थता के बयान को किया खारिज
      • भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे ट्रम्प, कहा- मैंने जंग नहीं रुकवाई
      • पाकिस्तान के एटम बमों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी अपनी निगरानी में ले : राजनाथ
      • पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने यूपीएससी के अध्यक्ष का पदभार संभाला
      • नक्सली मुठभेड़ में घायल जवानों से मिलने एम्स पहुंचे अमित शाह, ट्रॉमा सेंटर में घायलों से मुलाकात कर जाना हालचाल
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version