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    Home»झारखंड»डीलिस्टिंग बिल को लेकर दिल्ली में नवंबर में प्रदर्शन
    झारखंड

    डीलिस्टिंग बिल को लेकर दिल्ली में नवंबर में प्रदर्शन

    adminBy adminMay 11, 2024Updated:May 11, 2024No Comments2 Mins Read
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    रांची। जनजाति सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उरांव ने कहा है कि जो जनजाति रीति-रिवाज को छोड़कर अन्य धर्म इसाई या इस्लाम धर्म अपना लिये हैं। वैसे लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करना ही डीलिस्टिंग है। वैसे धर्मांतरित लोगों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण का लाभ न मिले। डीलिस्टिंग की यह मांग बहुत पुरानी है। 1967-70 के दशक में कार्तिक उरांव ने 348 सांसदों का हस्ताक्षरयुक्त बिल सदन पटल पर प्रस्तुत किया था और बिल पास भी होनेवाला था, परंतु उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बिल को पास नहीं होने दिया। वह बिल आज भी वैसे ही पड़ा हुआ है।

    यदि उस समय यह बिल पास हो जाता, तो मूल जनजाति समाज के आरक्षण का 80 प्रतिशत नौकरी और अन्य सरकारी सुविधा को धर्मांतरित इसाई-मुस्लिम छीन ले रहे हैं। नवंबर 2024 में जनजाति सुरक्षा मंच के नेतृत्व में पूरे देश से डीलिस्टिंग को लेकर 10 लाख लोग दिल्ली में धरना प्रदर्शन करेंगे। कहा कि इस बार जनजाति-आदिवासी समाज के लोग कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी की बातों में नहीं आनेवाले हैं। मौके पर सोमा उरांव, देवनंदन सिंह, सुशील मरांडी, जयमंगल उरांव, कैलाश मुंडा, प्रदीप टोप्पो, देवकी मुंडा, बिमल पाहन, अमित मुंडा, हरिचरण सांडिल, दुर्गा उरांव, पंचम महतो उपस्थित थे।

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