रांची। हाइकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में सभी हथियार लाइसेंसधारियों से हथियार जमा करने के आदेश को वैध नहीं माना है। एक मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने कहा है कि इस तरह का आदेश कानून की नजर में वैध नहीं ठहराया जा सकता। हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने बोकारो जिला के उपायुक्त के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत उपायुक्त ने सभी लाइसेंसधारी हथियारधारकों को हथियार जमा करने का निर्देश दिया था।
साथ ही हथियार जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गयी थी। अदालत ने प्रार्थी के हथियार को वापस करने का निर्देश भी उपायुक्त को दिया। हाइकोर्ट ने कहा है कि एक आदेश से भी लाइसेंसधारियों को अपने हथियार जमा करने के चुनाव आयोग का आदेश उचित नहीं। इस तरह के आदेश जारी करने में दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि उपायुक्त और जिला निर्वाचन पदाधिकारी को हथियार जमा करने के पहले सभी लाइसेंसधारियों की स्क्रूटनी करनी चाहिए। स्क्रूटनी में यदि यह पता चले कि लाइसेंस लेने वाले का आपराधिक रिकॉर्ड है और वह चुनाव में बाधा पहुंचा सकता है तो वैसे लोगों से ही हथियार जमा कराया जाना चाहिए। यदि लाइसेंसधारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें जमा करने का निर्देश देना आवश्यक नहीं है।