Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Thursday, June 5
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»इस साल झारखंड के लोग तरसेंगे बीजू आम को, उत्पादन हुआ कम
    Top Story

    इस साल झारखंड के लोग तरसेंगे बीजू आम को, उत्पादन हुआ कम

    adminBy adminMay 31, 2024Updated:May 31, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    खूंटी। खूंटी, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा आदि जिले बीजू आम के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं, लेकिन मौसम की मार से इस वर्ष बीजू आम का उत्पादन नहीं के बराबर है। भले ही पूरे झारखंड में अब मालदा, आम्रपाली, गुलाबखस, लंगड़ा सहित आम की लगभग तमाम किस्मों के आम का उपादन होता हो, पर 10-12 साल पहले इस क्षेत्र के लोग आम के नाम पर सिर्फ बीजू आम को ही जानते थे।

    पूरे आम बाजार में बीजू आम का शेयर 70 फीसदी से अधिक हुआ करता था। पूरे क्षेत्रीय बाजार में आम का दबदबा हुआ करता था। यहां के बीजू आम का स्वाद बिहार, बंगाल, ओडिशा से लेकर नेपाल तक के लोग लेते थे। मालदा, लंगड़ा जैसे आम सिर्फ बड़े शहरों में मिलते थे। झारखंड खासकर गुमला, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, पलामू सहित कई अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए बीजू आम आय का अतिरिक्त साधन भी है। आमतौर पर गांव के बीजू आम के बगीचों में पूरे गांव वालों का अधिकार होता है। इसलिए पेड़ों पर फले आम का लाभ पूरे गांव के लोग उठाते हैं।

    अभी आम पकने लगे हैं और गांववाले बगीचों से आम चुनकर बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त करते हैं, लेकिन पर्यावरण असंतुलन, आम पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण बीजू आम का उत्पादन घटता जा रहा है। इस वर्ष झारखंड खासकर खूंटी, गुमला, सिमडेगा आदि क्षेत्रों में बीजू आम का उत्पादन नहीं के बराबर है। समय पर बारिश नहीं होने और अत्याधिक गर्मी के कारण बीजू आम कें मंजर सूख गये थे। यही कारण है कि इस बार लोगों को आचार बनाने के लिए आम नहीं मिल रहा है। पके बीजू आम की उपलब्धता भी काफी कम है।

    पर्यावरण का असर पड़ा है उत्पादन पर: अमरेश कुमार

    झारखंड में बीजू आम के उत्पादन में कमी के संबंध में आत्मा के उप परियोजना निदेशक अमरेश कुमार कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में काफी फेरबदल हुआ है। इसके कारण अब बसंत ऋतु में सभी आम पेड़ों पर मंजर नहीं आ पाते। इसके अलावा अनावृष्टि, ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण आम के मंजर और टिकोरे बर्बाद हो जाते हैं। इसके अलावा समय पर बारिश नहीं होने से मधुवा सहित कई तरह के रोगों का प्रकोप आम के मंजर बढ़ जाता है।

    अमरेश कुमार ने कहा कि एक बड़े बीजू आम के पेड़ पर आठ से दस क्विंटल फल का उत्पादन होता है, लेकिन पर्यावरण प्रदूषण के कारण अब उत्पादन घटकर लगभग तीन से चार क्विंटल हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि आम की प्रोसेसिंग की जाए, तो इससे ग्रामीणों को लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीजू आम से अचार, अमचूर, अमावट सहित कई तरह के उत्पाद बनाये जा सकते हैं। इससे ग्रामीणों को आर्थिक लाभ तो होगा ही, आम बर्बाद भी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि कई महिला स्वयं सहायता समूह इस दिशा में सकारात्मक पहल भी कर रहे हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबिहार का मौसम : दो दिनों में लू ने ली 73 लोगों की जान, बाहर निकले लोग नहीं पहुंच सके अस्पताल
    Next Article चतरा में अनियंत्रित ट्रक पेड़ से टकराया, चालक की मौत
    admin

      Related Posts

      लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि

      June 5, 2025

      लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल

      June 5, 2025

      राज्यपाल ने पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा की दी शुभकामनाएं

      June 5, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      • राज्यपाल ने पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा की दी शुभकामनाएं
      • देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर हुए 4866, पिछले 24 घंटे में 7 लोगों को मौत
      • प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version