रांची। राजधानी रांची में सब्जियों की कीमतें दिन पर दिन बढ़ रही हंै। हरी सब्जियों की कीमतें आसमान पर पहुंच गयी हैं। एक माह में ही सब्जियों की कीमतें दोगुनी से भी ज्यादा हो गयी हैं। 20 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 80-120 रुपये और प्याज 40 से 45 रुपये किलो मिल रहा है। ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतें 40 रुपये के पार हैं।
आलू-प्याज सहित सब्जियों की औसत कीमत 40 प्रतिशत तक महंगी हो गयी है। इस समय शहर के बाजारों में एक महीने पहले 20 रुपये किलो बिकने वाला आलू 35 रुपये बिक रहा है।
लालपुर में सब्जी बेचने वाले बुंडू के सुभाष ने शनिवार को बताया कि सब्जियां महंगी होने का पहला कारण बारिश ठीक से नहीं होना है। कम बारिश से टमाटर और सीजन वाली सब्जियां कम हुर्इं या खराब हो गयीं। व्यापारियों का कहना है कि लोकल सब्जियों का उत्पादन आधे से भी कम हो गया है। इससे कीमतें बढ़ गयीं, क्योंकि बाहर से माल मंगाना पड़ रहा है। बेंगलुरु से टमाटर आ रहा है। ये टमाटर 80-120 रुपएयेकिलो बिक रहा है।
नागाबाबा खटाल में सब्जी की दुकान लगाने वाली रेखा देवी ने बताया कि कीमतें बढ़ने के कारण उनकी कमाई घट गयी है, क्योंकि सब्जियां कम मात्रा में बिक रही हैं। पहले एक बोरा फूल गोभी रोज बेच देते थे, अभी आधा भी नहीं बिक रही। झींगी और नेनुआ भी लोग कम खरीद रहे हैं।
-ये है प्रति किलो सब्जी के दाम
आलू -35, धनिया पत्ता 200, प्याज 40 से 50, अदरक 200, लहसुन 190, शिमला मिर्च 120, हरा मिर्च 80, बेंगलुरु टमाटर 120, लोकल टमाटर 80, मकई 40, फूलगोभी 60, कच्चा केला 40, पालक 40, परवल 40-60, बोदी 40, गाजर 40, खीरा 30- 40, भिंडी 40, कद्दू 30, पत्ता गोभी 40, बैगन 50, करेला 40, नेनुआ 35, झिंगी 40-50 रुपये किलो।
क्या कहते हैं लोग
नागाबाबा खटाल के समीप सब्जी खरीद रहे राम सिंह ने बताया एक माह में सब्जी के दाम में काफी वृद्धि हुई है। इससे घर का बजट बिगड़ गया है। जहां 1500 रुपये में एक माह सब्जी आराम से चलती थी, वहां अभी 2500 रुपये लग रहा है।
लालपुर में सब्जी खरीदते नेहा देवी ने बताया कि सब्जी के दाम बढ़ने से घर का बजट बिगड़ गया है। पहले से दोगुना दाम में सब्जी मिल मिल रही है। पहले जहां एक हजार लगता था, वहां अब 2000 रुपया लग रहा है।