मुख्यमंत्री ने जेएसएससी की विभिन्न परीक्षाओं में चयनित 527 अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र
अभ्यर्थियों से बोले, आप अपनी क्षमता और दक्षता का इस्तेमाल राज्य के विकास के पहिये को आगे बढ़ाने में करें
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा को लेकर हकीकत का किसी को पता नहीं है और केवल मीडिया ट्रायल चल रहा है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां जैप-1 सभागार में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कुल 527 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि अभी आप लोगों ने सुना है न कि उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गयी। मुझे लगता है कि कोरोना के बाद यह शारीरिक दक्षता वाला पहला एग्जाम रहा। इसमें दर्जन भर से ज्यादा नौजवानों ने जान गंवा दी। हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। इसकी तह तक जाने का हमारा प्रयास रहेगा, क्योंकि झारखंड के युवा इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं कि वे 10 किलोमीटर दौड़ ना सकें। हमने इसके लिए मदद मांगी है कि इसकी विस्तृत जांच हो कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी एक एग्जाम हुआ है जेएसएससी का। उसमें मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्तविकता का अता-पता नहीं है। खबरों में, मीडिया में सरकार को कितना कालिख पोत सकें, इसमें लोग लगे हुए हैं। हम लोगों ने बिल्कुल संकल्पित होकर काम किया है। उसी का नतीजा है कि अब निरंतर हम लोग नियुक्तियां कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि सरकार और राज्य की व्यवस्था किसी एक माध्यम से नहीं चल सकती है। जब सभी क्षेत्रों के लोग राज्य के विकास के पहिये को खीचेंगे, तभी राज्य के सर्वांगीण विकास के बात पूरी हो सकेगी।
सीएम ने कहा कि आप सबको पता है कि लंबी लड़ाई के बाद राज्य अलग हुआ। राज्य अलग हुए 25 साल हो रहे हैं। कई वर्षों तक तो झारखंड और बिहार में कैडर भी विभाजित नहीं हो पाया था। ऐसी स्थिति में अस्थायी व्यवस्था से चीजों को चलाया गया। धीरे-धीरे कैडर विभाजन के साथ-साथ नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू हुई। कई जगह नियुक्तियां राज्य अलग होने के तुरंत बाद होनी चाहिए थी, वो अब तक नहीं हो पायी थीं। कई संवर्ग की नियुक्ति नियमावली का नहीं बनना मुख्य कारणों में से एक रहा। 2019 में हम लोगों ने सरकार संभाली, तो स्थिति ऐसी रही कि राज्य के विकास की बात तो छोड़िए, राज्य में हम लोग जिंदा कैसे रहें, इस पर हम लोग चिंतित रहने लगे थे। धीरे-धीरे कोरोना का बादल छंटा। विभागवार समीक्षा हुई, तो पता चला कि कई संवंर्गों की नियुक्ति नियमावली भी नहीं है। कई लोग बहाल हुए, तो उनकी बहाली में उलझनें भी आ गयीं। कुछ वास्तविक उलझन रही, कुछ दिखावे की उलझन रही।
सीएम हेमंत ने कहा कि इस राज्य को कई तूफानों का सामना करना पड़ा। कई हिचकोले खाने पड़े। फिर हम लोगों ने सभी विभागों के अंदर सभी संवर्गों के लिए नियमावली बनायी। हम लोगों ने जेपीएससी की परीक्षा कंडक्ट करायी है। देश में उसका रिकॉर्ड रहा है कि सबसे कम समय में हमने उसका रिजल्ट प्रकाशित कर बीडीओ, सीओ, कलक्टर बनाने का काम किया। कई बार हम लोगों ने नियुक्ति पत्र बांटे। बांटने के बाद एक नयी समस्या खड़ी होती है कि अब इनको पदस्थापन करना है। हमारा प्रयास रहा है कि हर चीज पारदर्शिता से हो। न्याय संगत हो। हम सबको एक नजरिये से देखते हैं। बिखरी हुई चीजों को हम समेटने में लगे हैं।
हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि आज इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सबसे अधिक शिक्षकों की संख्या दिख रही है। हमें खुशी है कि आप अब सरकार की मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ेंगे। हम लोगों ने सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस बनाया है। आज भी कई बच्चे हैं, जो प्राइवेट स्कूल में जाने की चाह रखते हैं। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते नहीं जा पाते हैं। अब हमारा प्रयास है कि उस आर्थिक तंगी को हम मिटायें। निश्चित रूप से जिस तरह से हम आगे बढ़ रहे है, उसमें हमारे कदम ना रुकें।
ये रहे उपस्थित
मौके पर मंत्री रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, बैद्यनाथ राम, बन्ना गुप्ता, हफीजुल हसन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विकास आयुक्त अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्तराम मीणा, प्रधान सचिव सुनील कुमार, प्रभारी सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन और माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्कर्ष गुप्ता उपस्थित रहे।
किन-किन विभागों के लिए मिला नियुक्ति पत्र
पद/विभाग नियुक्ति
पीजीटी-टीजीटी शिक्षक 120
सहायक शिक्षक 200
प्रयोगशाला सहायक 56
पेयजल स्वच्छता 47
पथ निर्माण 25
जल संसाधन 49
नगर विकास एवं आवास 28
वित्त 01
वाणिज्य कर 01
खाद्य आपूर्ति 01
रिम्स 03