रेल से सफर करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक नवंबर की तारीख काफी अहम है. रेलवे इस तारीख से कई सारी तब्दीलियां करने जा रहा है. इनमें तब्दीलियों में बड़ी संख्या में ट्रेनों के समय में बदलाव, कई ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाने, यात्रा का समय कम करने, नई ट्रेनें शुरू करने, टिकट कैंसिल कराने का चार्ज बढ़ाने आदि शामिल हैं.
छह नई ट्रेनें शुरू होंगी
भारतीय रेलवे तेजस, हमसफर और अंत्योदय के तहत 6 नई ट्रेनें शुरू करने जा रहा है. इसका मकसद इन ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाना है. तेजस अब नई दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच सप्ताह में 6 दिन चलेगी. इसी तरह सीयालदह और जम्मू तवी के बीच एक साप्ताहिक हमसफर एक्सप्रेस चलेगी. इसी तरह इलाहाबाद और आनंद विहार के बीच सप्ताह में तीन अंत्योदय ट्रेनें चलेंगी. बिलासपुर-फीरोजपुर और दरभंगा-जालंधर रूटों पर साप्ताहिक अंत्योदय ट्रेन चलेगी.
5 घंटे तक कम हो जाएगा समय रेलवे एक नवंबर को नया टाइम टेबल जारी करेगा, जिसके तहत कई ट्रेनों को सुपरफास्ट कैटेगरी में डालने से लेकर ट्रेनों के यात्रा का समय कम करने जैसे बड़े बदलाव होने वाले हैं. यात्रा में समय कम लगे, इसके लिए रेलवे उन स्टेशनों पर ट्रेनों के स्टॉप के समय को कम करेगा, जहां कम संख्या में लोग चढ़ते और उतरते हैं. इन सबके अलावा, कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा रही है. इससे अब लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने में पहले की तुलना में 5 घंटे तक कम समय लग सकता है.
50 ट्रेनें होंगी सुपरफास्ट
नए टाइमटेबल में करीब 50 ट्रेनों को सुपरफास्ट श्रेणी में डाला जा सकता है. इससे यात्रा का समय 1-5 घंटे तक कम हो जाएगा.
500 ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड
लंबी दूरी की 500 ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकती है और चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का मेंटेनेंस समय भी घटाया जाएगा.
100 करोड़ रुपए की कमाई
50 ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाने से रेलवे को हर साल करीब 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी. गौरतलब है कि सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा उन ट्रेनों को दिया जाता है जिनकी एवरेज स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होती है.
20 फीसदी अधिक किराया होता है प्रीमियम ट्रेनों का
प्रीमियम ट्रेनों में किराया दूसरी ट्रेनों के मुकाबले 15-20 फीसदी तक ज्यादा होता है. इन ट्रेनों में सफर करने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ती है. हालांकि स्पीड बढ़ाने के साथ रेलवे की चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं.