अमरूद की तासीर शीतल होती है। यह पेट के अनेक विकार दूर करता है। इसे भोजन के बाद खाने से कब्ज, अफारा व मंदाग्रि की शिकायत नहीं होती। अमरूद के बीजों को भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके बीज को दरदरा पीसकर उसमें शक्कर व पानी मिलाकर पीने से पित्त संबंधी विकार दूर हो जाते हैं।
अमरूद का पका हुआ फल खाने में उपयोग किया जाता है, कच्चे फलों को उसके तीखे स्वाद के कारण खाया नहीं जाता है। अमरूद में संतरा व नींबू की तुलना में 4 से 10 गुना अधिक विटामिन-सी पाया जाता है।
सर्दी जुकाम में अमरूद के बीजों का चूर्ण पानी के साथ लेने से जल्दी आराम मिलता है।