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    Home»दुनिया»अमेरिका के बाहर निकलने के बाद चीन ने डब्ल्यूएचओ के प्रति जताया दृढ़ समर्थन
    दुनिया

    अमेरिका के बाहर निकलने के बाद चीन ने डब्ल्यूएचओ के प्रति जताया दृढ़ समर्थन

    shivam kumarBy shivam kumarJanuary 22, 2025No Comments3 Mins Read
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    बीजिंग। चीन ने मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रति अपना दृढ़ समर्थन व्यक्त किया है। चीन की ओर से यह अभिव्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के निकाय से बाहर निकलने की घोषणा के बाद आई है।

    दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने कोविड-19 संकट से ठीक से नहीं निपटने और सुधारों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य निकाय से अलग किया। पांच साल से भी कम समय में दूसरी बार अमेरिका ने विश्व निकाय से बाहर निकलने का आदेश दिया है।

    ट्रम्प के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मंगलवार को कहा कि चीन अपने कर्तव्यों को पूरा करने में विश्व स्वास्थ्य निकाय का समर्थन करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में, डब्ल्यूएचओ वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन में एक केंद्रीय समन्वय भूमिका निभाता है, और इसकी भूमिका को मजबूत किया जाना चाहिए, न कि कमजोर किया जाना चाहिए।

    गुओ ने कहा कि चीन हमेशा की तरह अपने कर्तव्यों को पूरा करने में डब्ल्यूएचओ का समर्थन करेगा, अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग को गहरा करेगा, वैश्विक स्वास्थ्य प्रशासन को मजबूत करेगा और सभी के लिए स्वास्थ्य के वैश्विक समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देगा।

    ट्रंप के फैसले से हटने पर WHO को खेद, पुनर्विचार की उम्मीद

    दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी से हटने की संयुक्त राज्य अमेरिका की घोषणा पर खेद व्यक्त किया और अमेरिकियों सहित दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा में डब्ल्यूएचओ के महत्व पर जोर दिया है। साथ ही फैसले पर पुनर्विचार करनेकीउम्मीदजताई।

    डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एक्स पर बयान जारी कर कहा- “विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस घोषणा पर खेद है कि संयुक्त राज्य अमेरिका संगठन से बाहर निकलने का इरादा रखता है। डब्ल्यूएचओ बीमारी के मूल कारणों को संबोधित करके, मजबूत निर्माण करके अमेरिकियों सहित दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य प्रणालियाँ, और बीमारी के प्रकोप सहित स्वास्थ्य आपात स्थितियों का पता लगाना, रोकना और प्रतिक्रिया करना, अक्सर खतरनाक स्थानों पर जहां अन्य लोग नहीं जा सकते।”

    डॉटेड्रोस ने डब्ल्यूएचओ और अमेरिका के संबंधों को लेकर कहा कि “अमेरिका 1948 में डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य था और तब से 193 अन्य सदस्य देशों के साथ, विश्व स्वास्थ्य सभा और कार्यकारी बोर्ड में अपनी सक्रिय भागीदारी सहित, संगठन के काम को आकार देने और संचालित करने में शामिल रहा है।”

    बतादें कि डोनाल्ड ट्रम्प लंबे समय से डब्ल्यूएचओ के आलोचक रहे हैं और उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र निकाय से बाहर निकालने की मांग की थी। हालांकि उनके उत्तराधिकारी जो बाइडेन ने ट्रम्प के फैसले को पलट दिया था।

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    shivam kumar

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