रांची। झारखंड हाइ कोर्ट ने बरियातू स्थित चेशायर होम रोड के एक एकड़ जमीन फर्जीवाड़े मामले में आरोपी मोहम्मद अफसर अली की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ट्रायल की धीमी गति पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से इस देरी का कारण पूछा और उसे जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।
यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरोपी मोहम्मद अफसर अली को 14 अप्रैल 2023 से न्यायिक हिरासत में रखा गया है, लेकिन अब तक आरोप तय नहीं किए गए हैं। इडी ने इस मामले में ईसीआईआर 5/2023 दर्ज किया है, लेकिन अभी तक मामले की प्रगति की गति संतोषजनक नहीं रही है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 फरवरी 2025 की तारीख तय की है और इडी को इस अवधि के भीतर ट्रायल में देरी के बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही, बरियातू में स्थित 4.55 एकड़ सेना की कब्जे वाली जमीन के खरीद-बिक्री से जुड़े एक अन्य मामले में भी मोहम्मद अफसर अली की जमानत याचिका पर सुनवाई की गई। इस मामले में भी कोर्ट ने इडी को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
क्या है मामला
बरियातू के इस भूमि घोटाले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, कारोबारी विष्णु अग्रवाल, और अन्य कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है। इस मामले में इडी ने ईसीआईआर 1/2023 दर्ज किया है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ धनशोधन और भूमि घोटाले की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं।
चेशायर होम रोड स्थित 1 एकड़ जमीन के फर्जीवाड़े से जुड़ी जांच में भी कई नाम सामने आए हैं, जिनमें न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और अन्य 10 आरोपी शामिल हैं।
इस मामले में ट्रायल की धीमी गति ने न्यायिक व्यवस्था को चुनौती दी है, और कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि इडी मामले में तेजी से कार्रवाई करेगा।
इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी, और उस समय तक इडी को ट्रायल में हुई देरी पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करना होगा। यह देखा जाना बाकी है कि क्या इस फर्जीवाड़े मामले में जल्द सजा दिलवाने में सफलता मिलती है या फिर प्रक्रिया और लंबी खिंचती है।