लखनऊ। विश्व हिन्दू परिषद देश भर में 30 मार्च से 12 अप्रैल तक गांव-गांव रामोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। विहिप कार्यकर्ता गांव के किसी मंदिर पर एकत्रित होकर राम जन्मोत्सव का कार्यक्रम करेंगे। इस दौरान भजन, सोहर व बधाई गीत भी होंगे। श्रीराम जी की आरती व पूजन के बाद प्रसाद वितरण होगा।
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने बताया कि विहिप की स्थापना का षटपूर्ति वर्ष चल रहा है। इसलिए रामोत्सव के कार्यक्रम में संगठन के रचनात्मक कार्यों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा हिन्दू समाज के समक्ष वर्तमान चुनौतियां व खतरे से लोगों को सचेत किया जाएगा। क्षेत्र संगठन मंत्री ने बताया कि भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में रहने वाले हिन्दू समाज को संगठित कर जाति, पंथ, भाषा के भेद को भूलकर भारत माता को पुन: विश्व गुरू के आसन पर विराजमान कराने के लिए हिन्दुओं के सभी सम्प्रदायों के गुरुओं और संतों के आशीर्वाद तथा हिन्दू समाज के प्रमुख विचारकोंं के गहन विचार विमर्श से हिन्दू समाज की रक्षा के लिए 1964 में विहिप की स्थापना हुई थी।
विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त के प्रान्त मंत्री देवेन्द्र मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम देश भर में होगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अवध प्रान्त के पांच हजार गांवों में रामोत्सव के कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 22 मार्च मार्च से नैमिषारण्य में प्रान्त की योजना बैठक है। इस बैठक में रामोत्सव के कार्यक्रमों की रूपरेखा व स्थानों का चयन हो जाएगा और प्रवास भी तय किए जाएंगे।
समरसता के प्रतीक श्रीराम
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने बताया कि भगवान श्री राम सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं। श्रीराम ने निषादराज को गले लगाया। भीलनी के जूठे बेर खाए, वानर, भालू आदि को संगठित किया, जटायू को गले लगाया अन्त्येष्टि की, उनको पिता तुल्य माना। ऐसे सभी लोगों का आत्म सम्मान बढ़ाकर सबको धर्म के मार्ग पर संघर्ष के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा श्रीराम आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श पुत्र, आदर्श संगठक व आदर्श राजा थे।