नयी दिल्ली : देश में ‘उज्जवला योजना’ लागू होने के बाद एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ गयी है. लेकिन उस हिसाब से एलपीजी वितरकों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाये हैं.सार्वजनिक क्षेत्र की मार्केटिंग कंपनियां तेजी से बढ़ते उपभोक्ताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए लिए एक तिहाई की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है. खासतौर से ग्रामीण इलाकों में एलपीजी वितरकों की संख्या में वृद्धि करने की योजना है.
खासकर यह नेटवर्क विस्तार ग्रामीण इलाकों में अधिक होगा. एक अप्रैल 2015 से लेकर इस साल 30 सितंबर के दौरान सक्रिय घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं की संख्या 44 प्रतिशत बढ़कर 21.4 करोड़ हो गई है, वहीं इस दौरान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या बढ़कर केवल 19,200 हुई है.नए डिस्ट्रीब्यूटर्स खासतौर से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र में बनाए जाएंगे, क्योंकि इन्हीं राज्यों में उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है.मैरिट में अंकों के प्रदर्शित होने के बाद गैस कंपनी का एक पैनल सभी कैंडिडेट की दी गई डिटेल के संबंध में फील्ड वैरिफिकेशन करता है। इसमें जमीन से लेकर सभी अन्य बातों की गहन पड़ताल की जाती है. इसके बाद ही गैस एजेंसी अलॉट की जाती है. इसके लिए कैंडिडेट को एक तय समय सीमा दी जाती है. इसके भीतर ही उसे गैस एजेंसी शुरू करनी होती है.इन्हीं नंबरों के विभिन्न