नई दिल्लीः सरकार देश में सभी घरों को सातों दिन 24 घंटे भरोसेमंद बिजली उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। इसे प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक में वितरण कंपनियों के लिये बाध्यकारी बनाया जाएगा। इसका पालन नहीं करने पर संबंधित विद्युत वितरण कंपनियों पर जुर्माना भी लगेगा। इसे मार्च 2019 से लागू करने की योजना है। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा, ”हम मार्च 2019 से चौबीसो घंटे और सातों दिन बिजली उपलब्ध कराना बाध्यकारी बनाने के लिए मंत्रिमंडल में जाएंगे। तकनीकी खामी या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति को छोड़कर बिजली कटौती की अनुमति नहीं होगी। इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा।” बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर को बढ़ावा
उन्होंने कहा, ”हमने सौभाग्य योजना शुरू की है जिसके तहत हर घर तक बिजली पहुंचाई जानी है। इसे हमने दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही हम मार्च 2019 से 24 घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगे।” मंत्री ने कहा, ”बिजली वितरण कंपनियों को अगर किसी इलाके का काम मिला है तो उसके लिए उन्हें शत प्रतिशत जरूरत के हिसाब से बिजली खरीद समझौता (पीपीए) करना होगा। यह कानून संशोधन का हिस्सा होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए ग्राहकों को अधिक शुल्क देना होगा, ”नहीं। इसका शुल्क पर कोई असर नहीं होगा।” सिंह ने कहा कि बिजली शुल्क अधिक होने का एक बड़ा कारण चोरी और तकनीकी एवं वाणिज्यिक (एटी एंड सी) नुकसान है। इसमें कमी लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर और प्री-पेड मीटर को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन मीटरों से बिजली खपत और बिल के बारे में कंपनी के साथ-साथ ग्राहकों को सही जानकारी मिलेगी तथा खपत के हिसाब से बिल का भुगतान होगा। इससे वितरण कंपनियों की स्थिति मजबूत होगी।
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