हजारीबाग। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। हजारीबाग इंद्रपुरी चौक के निकट शांतनु सेन घटना के दिन पहलगाम में ही थे। उन्होंने हजारीबाग आकर अपनी बात ईटीवी भारत के साथ साझा की है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद कश्मीरी लोग काफी गुस्से में हैं। पाकिस्तान के खिलाफ उनका गुस्सा दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद वहां के लोगों में काफी भय का वातावरण है। पहलगाम क्षेत्र को खाली करवा दिया गया है। चप्पे चप्पे मैं सुरक्षा कर्मी तैनात हैं ।इन्होंने बताया कि जिस जगह घटना हुई है वह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। वहां टूरिज्म ही आय का एक प्रमुख साधन है। इस वक्त वहां करोड़ों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं। उस वक्त यह घटना घटी है जब पर्यटक वहां पहुंच रहे थे। ऐसे में सभी पर्यटकों ने अपना प्रोग्राम रद्द कर दिया है। अब सन्नाटा पसरा हुआ है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर घूमने के लिए 17 अप्रैल को हजारीबाग से निकले थे। पहलगाम 21 अप्रैल को पहुंच गए थे। 22 अप्रैल को जिस दिन घटना घटी है, उसके एक घंटा पहले होटल छोड़ा था। उस वक्त वहां पर्यटकों की संख्या कम थी। उन्होंने यह भी बताया कि जिस जगह होटल में उन्होंने रात्रि विश्राम किया था, वहां एक भी टूरिस्ट नहीं थे। वह जगह बेहद खूबसूरत है। आतंकी पहाड़ी क्षेत्र से पहलगाम पहुंचे होंगे। पहलगाम एक वैली है वहां एक स्टॉल है, जहां कावा मिलता है।
पर्यटक घास के मैदान में प्रकृति का आनंद लेते हैं और उसी जगह यह घटना घटी है। एनएच 44, 21 तारीख को लैंड स्लाइडिंग के कारण बंद था। ऐसे में कुछ लोग वहां हवाई मार्ग से भी पहुंचे थे। बड़ी ही मशक्कत से 21 तारीख को पहलगाम टूरिस्ट पहुंच रहे थे। उन्होंने कहा कि जो घटना घटी है यह मानवता को शर्मसार करने वाली है और इसकी कोई माफी भी नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि जब घटना घटी थी उस समय वह गाड़ी में बैठे हुए थे। उनके चालक शहीर मीर ने घटना के बारे में बताया था। वह भी काफी इस घटना को लेकर दुखी था। वहां के लोग पाकिस्तान के खिलाफ आग उगल रहे हैं। घर वाले लगातार इस बात को लेकर चिंतित थे कि वहां से कैसे लौटेंगे। भारत सरकार की ओर से श्रीनगर से रांची लाने के लिए निशुल्क व्यवस्था की गई थी। उन्होंने भारत सरकार को इसके लिए धन्यवाद भी दिया है कि उन्होंने पर्यटकों के लिए व्यापक इंतजाम कर रखा है।
श्रीनगर से एयरपोर्ट आने के लिए हर जगह सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया गया है। एयरपोर्ट से काफी दूरी पर ही एक्स-रे मशीन लगाई गई है, जहां से सामान जांच करने के बाद दूसरी गाड़ी से एयरपोर्ट गेट तक पहुंचा जा रहा है। एयरपोर्ट गेट पर भी जांच फिर से की गई। इसके बाद एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दी गई। 23 अप्रैल को 11:30 में श्रीनगर से फ्लाइट लेकर रांची के लिए रवाना हुई।