नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के वायु रक्षा रडारों को निशाना बनाने की पुष्टि की है। यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर और पंजाब क्षेत्र में किए गए कथित ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में की गई। विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को इस विषय पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी।
प्रेस कांफ्रेंस के मुख्य बिंदु:
1. सटीक और नियंत्रित जवाब
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई “गैर-वृद्धि करने वाली” थी। इस वक्तव्य को विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने भी दोहराया, यह दर्शाते हुए कि भारत केवल उकसावे का जवाब दे रहा है।
कर्नल कुरैशी के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान को पहले ही चेतावनी दी थी कि भारतीय सैन्य ठिकानों पर किसी भी हमले का “उचित उत्तर” दिया जाएगा। जब 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने अवंतीपुरा से लेकर भुज तक के कम-से-कम 15 ठिकानों पर हमले की कोशिश की, तो भारतीय वायुसेना ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर हमले को निष्फल कर दिया।
2. लाहौर में HQ-9 सिस्टम को निष्क्रिय किया गया
भारत की जवाबी कार्रवाई में विशेष रूप से लाहौर स्थित एक वायु रक्षा प्रणाली (HQ-9 यूनिट) को निष्प्रभावी किया गया। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत न केवल रक्षात्मक, बल्कि जरूरत पड़ने पर आक्रामक रणनीति अपनाने में भी सक्षम है।
3. नागरिक हताहत और सीमा पर गोलीबारी
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में 16 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह पहलू इस संघर्ष को सैन्य से हटाकर मानवीय संकट की ओर भी इंगित करता है।
4. आतंकवादी संगठनों पर भारत का रुख
विदेश सचिव ने पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का बचाव किए जाने की भी आलोचना की, यह कहते हुए कि इस समूह ने दो बार हमलों की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है।
भारत की हालिया कार्रवाई में दो पहलू स्पष्ट हैं – एक, सीमा सुरक्षा को लेकर उसकी “नो टॉलरेंस” नीति; और दो, अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़ने की कूटनीति। लाहौर जैसे क्षेत्र में वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय करना केवल सैन्य कदम नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक संकेत भी है।
हालांकि यह स्पष्ट किया गया कि भारत सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बना रहा, फिर भी एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला पाकिस्तान की रक्षा क्षमता को कमजोर करने वाला कदम है।