रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जब पूरा राष्ट्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने सेना के साथ खड़ा है। तो उसमें भी कांग्रेस दोहरी राजनीति कर रही है।
प्रतुल ने मंगलवार को कहा एक तरफ राहुल गांधी देश के साथ और सरकार के हर कदम के साथ चलने का दंभ भर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत लगातार मोदी सरकार की मंशा और भारतीय सैन्य क्षमता पर प्रश्न करते हुए देश का अपमान कर रहे हैं।
प्रतुल ने कहा कि भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल जो ऑपरेशन ब्रेक हुआ है उसमें किसी दूसरे राष्ट्र की मध्यस्थता नहीं है लेकिन कांग्रेस का एक बड़ा तबका बार-बार भारत को वैश्विक स्तर पर बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस के नेता दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं कि उन्होंने 1971 में पाकिस्तान का बंटवारा कर दिया था। प्रतुल ने कहा कि ये नेता इस बात को भूल जाते हैं कि 1972 के शिमला समझौते के तहत बांग्लादेश में 93000 आत्मसमर्पण किए पाकिस्तानी सैनिकों को गांधी ने बिना शर्त पाकिस्तान को लौटा दिया था जबकि ये एक्सचेंज के बदौलत पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर को वापस लेने का एक उपयुक्त समय था।
प्रतुल ने कहा कि देश इंदिरा गांधी को इमरजेंसी और 42वें संशोधन के जरिए संविधान को बदलने की कोशिश और न्यायपालिका पर कुठाराघात के लिए भी याद रखा है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों का नरसंहार भी लोग नहीं भूले हैं।
प्रतुल ने कहा कि यह समय है कि पूरे देश को एक स्वर में बोलना चाहिए अब इन्हीं कांग्रेसी नेताओं के बयानों को पाकिस्तान की मीडिया और पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में चर्चा कर ये दिखाया जा रहा है कि भारत भी ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर एक नहीं है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। झारखंड सरकार स्पष्ट करे कि कितने पाकिस्तान नागरिकों को डिपोर्ट किया गया।
प्रतुल शाह देव ने झारखंड सरकार से ये भी जानना चाहा कि उसे स्पष्ट करना चाहिए कि विदेश मंत्रालय के निर्देश के अनुसार पाकिस्तानी वीजा पर ओवर स्टे करने वाले कितने पाकिस्तानी नागरिकों को झारखंड सरकार ने चिन्हित किया है और इनमें से कितने को बाहर निकल गया? प्रतुल ने कहा कि जानकारियां मिल रही है कि झारखंड सरकार इस मुद्दे में बहुत गंभीर नहीं है। राज्य सरकार को समझना चाहिए कि देश सर्वोपरि होता है।
इसलिए झारखंड सरकार अविलंब अवैध तरीके से रह रहे इन पाकिस्तानी नागरिकों को झारखंड से बाहर निकालने का मार्ग प्रशस्त करे।