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    Home»दुनिया»ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से आने वाले ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा
    दुनिया

    ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से आने वाले ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 12, 2025No Comments3 Mins Read
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    ब्रासीलिया/वाशिंगटन। ब्राजील का राष्ट्रपति कार्यालय अमेरिका से भौतक रूप से आने वाले डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत वाले पत्र ‘बोल्सोनारो इफैक्ट टैरिफ’ को रिसीव नहीं करेगा। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने अपने राजनयिकों को इस आशय का आदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से ब्राजील के राष्ट्रपति भड़के हुए हैं।

    अमेरिका के सीबीएस न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने आरोप लगाया कि ट्रंप की ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो से मित्रता है। इसलिए वह जेयर के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को खत्म करने का दबाव बनाने के लिए आयात करों में 50 फीसद की वृद्धि करने के वादे पर आमादा हैं।

    उन्होंने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप यह टैरिफ ब्राजील पर लगाते हैं तो वह अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाएंगे। लूला ने कहा कि अगर अमेरिका के साथ बातचीत विफल हो जाती है, तो वे इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से मंजूर किए गए ब्राजील के पारस्परिकता कानून को लागू कर देंगे।

    सीबीएस का मानना है कि लूला की टिप्पणियों से दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध छिड़ने का खतरा बढ़ गया है। ऐसा इसलिए कि ट्रंप की जिद है कि अगर कोई देश अपने टैरिफ लगाकर अमेरिका को दंडित करने की कोशिश करेगा, तो वह इसका कड़ा जवाब देंगे।

    इस घटनाक्रम के बाद लूला के आलोचक भी अमेरिका के खिलाफ हो गए हैं। ब्राजील सीनेट के अध्यक्ष सीनेटर डेवी अल्कोलुम्ब्रे और चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा ने कहा कि पारस्परिकता कानून लागू करना ही बेहतर विकल्प है। ब्राजील की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए यह जरूरी है। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा, “हम अपनी अर्थव्यवस्था, अपने उत्पादक क्षेत्र और ब्राजीलियाई नौकरियों की सुरक्षा के लिए संतुलन और दृढ़ता के साथ कार्य करने के लिए तैयार हैं।”

    ब्राजील के राष्ट्रपति का मानना है कि ट्रंप बोल्सोनारो के आपराधिक मुकदमे के नतीजे को तय करने की कोशिश कर रहे हैं। बोल्सोनारो ने 2022 में चुनाव हारने के बाद सत्ता में बने रहने के लिए ट्रंप जैसा काम किया। उधर, बोल्सोनारो का कहना है कि ब्राजील का सर्वोच्च न्यायालय उन्हें राजनीतिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।

    साओ पाउलो स्थित इंस्पर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो का मानना है कि बोल्सोनारो के मुकदमे के बारे में लूला या ब्राजील कुछ नहीं कर सकते। इसमें कोई भी बदलाव ब्राजील के लिए आत्मसमर्पण जैसा होगा। इस बीच लूला ने अपने राजनयिकों को आदेश दिया कि अगर ट्रंप का पत्र ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति भवन में भौतिक रूप से पहुंचता है, तो उसे वापस कर दिया जाए।

    उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने मई में फैसला सुनाया था कि ट्रंप ने कांग्रेस की मंजूरी के बिना टैरिफ लगाने के लिए आपातकाल की घोषणा करके अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है।

    ओरेगन के डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडन का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के बहाने कुछ देशों से निजी बदला लेकर देश की अर्थव्यवस्था की बलि चढ़ा रहे हैं।

    कहा जा रहा है कि ब्राजील में बोल्सोनारो के मुकदमे में ट्रंप की दिलचस्पी नाटकीय संदेश दे रही है। कई सांसदों और जजों का मानना है कि अगर पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराया जाता है तो वे ब्राजील छोड़कर अमेरिका जाने की कोशिश करेंगे। लूला ने कड़े शब्दों में कहा कि बोल्सोनारो को ब्राजील पर ट्रंप के कर लगाने के फैसले पर सहमति जताने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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    shivam kumar

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