आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्य सरकार व आरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में मादा जिराफ मिष्टी मौत की जांच का आदेश दिया है। वन विभाग के संयुक्त सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी एवं वन्य प्राणी प्रतिपालक) परितोष उपाध्याय को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि ‘आजाद सिपाही’ ने सोमवार 08 सितंबर को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। क्या है आदेश में आदेश में कहा गया है कि 3 सितंबर को भगवान बिरसा जैविक उद्यान में मादा जिराफ की मौत हो गयी थी। इससे संबंधित खबर मीडिया में प्रकाशित हुई। यह अत्यंत ही गंभीर मामला है। मादा जिराफ की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसकी जांच कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट दें। निदेशक के मित्र हैं जांच अधिकारी इस मामले में खास बात यह है कि जांच अधिकारी परितोष उपाध्याय और जैविक उद्यान के प्रभारी निदेशक जब्बर सिंह करीबी मित्र हैं। इसलिए जिराफ की मौत की जांच को अभी से ही संदेह की नजर से देखा जाने लगा है। वन्य प्राणियों की देखभाल का जायजा लेने के लिए सिंगापुर की यात्रा करने वाले अधिकारियों के दल में भी ये दोनों अधिकारी शामिल थे। जिराफ की मौत के बाद उद्यान के अधिकारियों की भूमिका पर कई गंभीर सवाल उठाये।
8 अगस्त को लाया गया, 3 सितंबर को मौत
मिष्टी नामक मादा जिराफ को 8 अगस्त के बंगाल से भगवान बिरसा जैविक उद्यान में लाया गया था। क्वारेंटाइन के नियमों का उल्लंघन कर उसे 15 अगस्त को ही आम लोगों के सामने प्रदर्शित कर दिया गया। नियमानुसार किसी भी वन्य प्राणी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के बाद नयी जगह पर 30 दिनों तक क्वारेंटाइन करना होता है। अंततः अ सितंबर को मिष्टी की मौत हो गयी।