‘सुमन दीदी’ प्रसूताओं को जाल में फंसा कर बेचती है नवजातों को
राजधानी रांची के साथ छत्तीसगढ़-ओड़िशा तक फैला है नेटवर्क
आफताब अंजुम
गुमला / रायडीह। यदि किसी नि:संतान दंपति को बच्चा चाहिए, तो उन्हें अब किसी आइवीएफ क्लीनिक में जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें अब गुमला के रायडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीटीटी सुमन कुजूर उर्फ सुमन दीदी से संपर्क करना चाहिए। वह तत्काल कुछ लाख रुपये में नवजात उपलब्ध करा सकती है। सीएचसी में तैनात इस महिला स्वास्थ्य कर्मी के रैकेट का खुलासा तब हुआ, जब दो नवजातों का सौदा किये जाने की जानकारी सामने आयी। एक प्रसूता और एक सहिया ने कैमरे पर इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुमन दीदी ने दो सप्ताह में कम से कम दो नवजातों का सौदा किया है।
दंपति को पैसे का प्रलोभन दे कर बेचा गया नवजात
जानकारी के अनुसार रायडीह के कुड़ो छतरपुर राजस्व ग्राम निवासी जुस्टीन एक्का की गर्भवती पत्नी सुमन एक्का को 10 सितंबर को सुबह करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा हुई। सुरक्षित प्रसव के लिए उसे सुमन दीदी ने सीएचसी में भर्ती कराया। रिकॉर्ड के मुताबिक सुमन एक्का को पांच बजे सुबह एडमिट किया गया और पौने सात बजे उसने एक बच्चे को जन्म दिया। तब बीटीटी ने प्रसूता को जाल में फंसाया और उसे बच्चा बेचने के लिए राजी कर लिया। सौदा पक्का होने के बाद सुमन दीदी ने खरीदारों को सीएचसी बुला कर बच्चा दिखाया। सुमन दीदी ने स्टांप पेपर पर इकरारनामा बनवाया और प्रसूता सुमन एक्का और खरीदार के हस्ताक्षर कराये। 12 सितंबर को डिस्चार्ज होने के बाद खरीदारों ने अपनी गाड़ी से प्रसूता को उसके घर पहुंचा दिया, एक लाख रुपये दिये और बच्चा लेकर चले गये।
प्रेम प्रसंग में मां बनी युवती के बच्चे को भी बेचा
बीटीटी द्वारा नवजात का सौदा किये जाने की दूसरी घटना भी चौंकानेवाली है। रायडीह के मोकरा गांव की एक युवती प्रेम प्रसंग में गर्भवती हो गयी। वह गर्भपात के लिए सीएचसी पहुंची, लेकिन वहां डॉक्टरों ने इससे इनकार कर दिया। तब बीटीटी सुमन दीदी ने उससे बच्चे को जन्म देने को कहा और नवजात को गोद लेने का भरोसा दिया। युवती को 20 सितंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला के नारायणपुर में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीटीटी ने खुद बताया है कि वह 23 सितंबर को युवती के पास एक स्कॉर्पियो से पहुंची। उसके साथ रायडीह सीएचसी की एक सहिया भी थी। उन दोनों ने नारायणपुर से नवजात को लिया और रायडीह लौट गयी। इसके बाद बीटीटी सुमन दीदी ने नवजात को लेकर सहिया को एक अन्य कर्मी के साथ रांचीभेज दिया। सहिया ने रांची में खरीदारों को नवजात को सौंप दिया और बदले में मिली एक लाख रुपये की रकम लेकर रायडीह लौट गयी। सहिया ने सुमन दीदी को 90 हजार रुपये दिये और 10 हजार रुपये खाते में जमा करा दिये। सुमन दीदी को तय सौदे के अनुसार रकम कम लगी, तो उसने सहिया से पूछताछ की। इस क्रम में दोनों के बीच काफी नोक-झोंक हुई। बताते हैं कि सुमन दीदी ने सहिया की तलाशी ली।
गुमला और ओड़िशा में बेचे गये नवजात: बीटीटी
बीटीटी ने बताया कि रायडीह स्वास्थ्य केंद्र में जन्मा बच्चा गुमला जिले के एक सीएचओ की बहन को दिया गया है। यह सौदा तीन लाख रुपये में हुआ, जिसमें से एक लाख रुपये प्रसूता सुमन एक्का को दिये गये। उक्त महिला ने एक लाख रुपये मिलने की बात स्वीकार की है। बीटीटी का कहना है कि रुपये का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। उसने बताया कि छत्तीसगढ़ में पैदा हुए दूसरे बच्चे को सहिया के माध्यम से रांची पहुंचाया गया। वह बच्चा अभी ओड़िशा में है।
दोषियों पर होगी कार्रवाई: सीएस
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ शंभुनाथ चौधरी ने कहा कि मामला बहुत निंदनीय है। यह घृणित मामला अभी-अभी उनके संज्ञान में आया है और वह इसकी निष्पक्ष जांच करेंगे। साथ ही दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।
मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं: डॉ राजीव
इस संबंध में रायडीह के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार ने कहा कि इस आशय की जानकारी उन्हें नहीं है। अभी वे छूट्टी से वापस आये हैं। अब इसकी जांच करेंगे। यदि मामला सही पाया गया, तो दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।