रांची। कृमि मुक्ति अभियान के एक दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने इसका श्रीगणेश किया। वह गुरुवार को रांची के जिला स्कूल पहुंचे और बच्चों को दवाई खिलाकर इसकी शुरुआत की। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे भी मौजूद थीं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के बच्चों को हर बीमारी से बचाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। सरकार एक ओर जहां स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोत्तरी कर रही है और बेहतर सेवा देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर गंभीर बीमारियों को लेकर समय-समय पर अभियान भी चला रही है। इसी कड़ी का हिस्सा है दस अगस्त को कृमि मुक्ति अभियान। इसमें एक से 19 साल के बच्चे, युवा को दवाई खिलायी जायेगी।
22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड के बच्चों में कृमि संक्रमण के खतरे से निबटने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत एल्बेंडाजोल की दवा खिला कर कृमि मुक्त किया जायेगा। कहा कि भारत में कृमि संक्रमण जनसमस्या के रूप में उभर रहा है। भारत में पांच से 14 साल तक 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है। कृमि संक्रमण प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखने पर भी बच्चों के स्वास्थ्य एवं उनके समग्र विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस नकारात्मक प्रभाव की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए दवाई दी जायेगी।
स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि विभाग के तमाम अभियान तभी सफल होंगे, जब इसमें लोगों का समर्थन मिलेगा। लोग साफ और स्वच्छ माहौल में रहेंगे। इस अभियान में जो बच्चे छूट जायेंगे, उन्हें 17 अगस्त को होनेवाले मॉपअप कार्यक्रम में दवा खिलायी जायेगी। प्रधान सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सौजन्य से आयोजित अखिल भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को ग्राम स्वराज अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है।