नयी दिल्ली। पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर रविवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया। मौके पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री बेहद भावुक हो गये। उनकी आवाज भर्रा गयी और वाक्य पूरा करने के लिए वह कई बार रुक गये। प्रधानमंत्री मोदी का यह भावुक रूप पूरे देश ने देखा। इसमें कहीं कोई मिलावट या राजनीतिक सोच नहीं थी, बल्कि यह दिल से निकली भावना थी। मोदी की भावना वोट की राजनीति से कोसों दूर एक सच्चे भारतीय की थी, जिसे अपनी पुलिस पर अटूट विश्वास है। प्रधानमंत्री के भावुक भरे संबोधन ने समारोह में शामिल लोगों की आंखें भी नम कर दीं।
पीएम मोदी ने शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी और परेड में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला। पीएम मोदी ने कहा कि यह पुलिसकर्मियों की सतर्कता का नतीजा है कि अशांति पैदा करनेवाले तत्व अपने प्रयासों में असफल होते हैं। देश में भय और असुरक्षा पैदा करनेवालों के प्रयासों को आप विफल करते हैं। देश में प्रचलित शांति केवल आपकी सेवाओं के कारण संभव है। उन्होंने कहा कि हर जवान को याद रखने का दिन है, जो जम्मू और कश्मीर में कानून और शांति बनाये रखता है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी जवान अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। यह उनके कारण ही संभव हो पाया है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कमी आ रही है और युवा मुख्यधारा में लौट रहे हैं।