रांची। रेलवे बोर्ड के द्वारा फ्लेक्सी फेयर पर लिए गये निर्णय के बाद केवल तीन महीने ही यात्रियों को सस्ती यात्रा करने का लाभ मिलेगा। उसे रेलवे ने सुस्त यात्रा मौसम (डल सीजन) का नाम दिया है। ये सिर्फ फरवरी, मार्च और अगस्त महीने के लिए ही हटाया गया है। इस दौरान यात्री कम सफर करते हैं। रांची रेल मंडल की दो ट्रेनों में तीन महीने के लिए फ्लेक्सी फेयर हटाया गया है। इनमें रांची-नयी दिल्ली राजधानी वाया बरकाकाना और रांची-हावड़ा शताब्दी ट्रेन शामिल हैं।
इन तीन महीनों में राजधानी और शताब्दी में नहीं रहती भीड़
रेलवे अधिकारियों के अनुसार इन तीन महीनों में राजधानी और शताब्दी ट्रेन में भीड़ नहीं रहती है, इसलिए यात्रियों को फ्लेक्सी फेयर में राहत देने का फैसला किया गया है। रेलवे के अनुसार बाकी नौ महीने राजधानी और शताब्दी ट्रेन में फ्लेक्सी फेयर लागू रहेगा। अभी तक मैक्सिमम फ्लेक्सी फेयर 1.5 गुणा लिया जाता था, जो अब 1.4 गुणा ही लिया जायेगा।
रांची से दो राजधानी ट्रेन, दो तरह के निर्णय
रांची से दो राजधानी ट्रेन दिल्ली के लिए चलती है। इसमें एक राजधानी ट्रेन वाया बरकाकाना होकर और दूसरी राजधानी एक्स. वाया गोमो होकर चलती है। बोर्ड ने फ्लेक्सी फेयर पर निर्णय लेने के मामले में बरकाकाना होकर दिल्ली जाने वाली राजधानी ट्रेन में तीन महीने के लिए फ्लेक्सी फेयर हटाया है, उस दौरान सामान्य भाड़ा लिया जाएगा। वहीं रांची से दिल्ली वाया गोमो होकर चलने वाली राजधानी ट्रेन में कोई राहत नहीं दी है। इसमें 12 महीने फ्लेक्सी फेयर लागू रहेगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि दोनों रूट पर यात्रियों की ऑक्यूपेंसी देखने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
पूरी राहत देने पर लगती 600 करोड़ की चपत
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होने के बाद से ही रेलवे को इन ट्रेनों से होने वाली आमदनी में 600 से 700 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त आय होती है। रेलवे की समस्या यह है कि अगर फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है, तो रेलवे की यह अतिरिक्त आमदनी खत्म हो जाएगी। इसी वजह से यह विकल्प दिया गया है।
सालाना रिपोर्ट देखने के बाद लिया गया निर्णय
रांची रेल मंडल के एडीआरएम विजय कुमार ने बताया कि बरकाकाना होकर चलने वाली राजधानी ट्रेन में यात्रियों की भीड़ उन महीनों में कम रहती है, इसलिए फ्लेक्सी फेयर हटाया गया। जबकि गोमो होकर राजधानी ट्रेन में 12 महीने भीड़ रहती है। निर्णय लेने से पहले दोनों राजधानी ट्रेन की सालाना रिपोर्ट देखी गयी है।