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    Home»Breaking News»रांची: कोलेबिरा के रिजल्ट से कांग्रेस बमबम, झामुमो पस्त
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    रांची: कोलेबिरा के रिजल्ट से कांग्रेस बमबम, झामुमो पस्त

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 23, 2018Updated:December 23, 2018No Comments7 Mins Read
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    रांची। कोलेबिरा में हुए उप चुनाव ने एक साथ कई संदेश दे दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार की जीत, झामुमो-राजद समर्थित झापा प्रत्याशी का चौथे स्थान पर पिछड़ना, भाजपा का तेजी से उभरना और राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के बढ़ते प्रभाव के साथ इस उप चुनाव ने झारखंड की राजनीति में नये समीकरणों की संभावनाओं को भी जन्म दिया है। कोलेबिरा की मतगणना शुरू होने से पहले तक किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि झारखंड पार्टी की मेनन एक्का यहां से हार भी सकती हैं। वह न सिर्फ हारीं, बल्कि अपने सबसे मजबूत गढ़ में झारखंड पार्टी की साख भी समाप्त हो गयी। लगातार चौथी बार कोलेबिरा सीट पर कब्जा जमाने का उसका सपना ध्वस्त हो गया। इतना ही नहीं, मेनन की पराजय ने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छीजते जनाधार को भी सामने लाकर रख दिया है।

    अधिकांश राजनीतिक पंडित मान रहे थे कि झारखंड पार्टी की उम्मीदवार और एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के जीतने में कोई कठिनाई नहीं होगी, लेकिन इन अनुमानों से अलग कांग्रेस ने जीत का परचम लहरा दिया। जिस मेनन एक्का को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, वह चौथे स्थान पर खिसक गयीं।

    एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का आखिर क्यों इतनी बुरी तरह से पराजित हुईं, इसका विश्लेषण जरूरी है। मेनन को झामुमो और राजद का भी समर्थन था, इसके बावजूद पार्टी का कोई बड़ा नेता वहां प्रचार करने नहीं गया। हालांकि आखिरी पलों में हेमंत सोरेन जरूर गये, लेकिन वह सिर्फ औपचारिकता भर ही थी। दूसरी तरफ मेनन को समर्थन के फैसले का विरोध करनेवाले झामुमो विधायक पौलुस सुरीन वहां दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते रहे। उन्हें पार्टी की तरफ से रोका भी नहीं गया। इसका असर यह हुआ कि झामुमो का वोट भी मेनन को नहीं मिल सका। मेनन की हार की एक और वजह यह मानी जा रही है कि एनोस एक्का जेल में होने के कारण न तो प्रचार कर सके और न ही पार्टी को सही से दिशा निर्देश दे सके। इसलिए झापा की रणनीति कांग्रेस और भाजपा से कमजोर साबित हुई।

    कोलेबिरा में कांग्रेस ने ठोस रणनीति बनायी। तीन राज्यों में हासिल कामयाबी से उत्साहित पार्टी ने कोलेबिरा को जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार और दूसरे नेताओं ने पूरा जोर लगाया। झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया।

    कोलेबिरा की हार ने भाजपा खेमे को पूरी तरह पस्त तो कर दिया, लेकिन पार्टी को इस बात पर संतोष करना चाहिए कि उसके जनाधार में वृद्धि ही हुई है। हालांकि पार्टी नेताओं को यह मलाल जरूर रहेगा कि उप चुनाव को हल्के ढंग से लेने की इतनी भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी। भाजपा का कोई भी नेता वहां चुनाव प्रचार करने नहीं गया। प्रत्याशी को चुनाव चिह्न देने के बाद उसे पार्टी भूल गयी, लेकिन पार्टी के मतदाता उसके प्रति पूरी तरह उसके साथ रहे। यही कारण है कि भाजपा को वहां दूसरा स्थान मिल गया। इसके अतिरिक्त आजसू का असहयोग और विद्रोही प्रत्याशी के खड़े होने का खामियाजा भी भाजपा को भुगतना पड़ा। भाजपा के विद्रोही प्रत्याशी बसंत डुंगडुंग को करीब चार हजार वोट मिले। इसके अलावा नोटा के 3694 वोट भी भाजपा की हार का कारण बने। भाजपा नेताओं को इस बात का मलाल होगा कि यदि वे थोड़ी सी मेहनत कर लेते और विद्रोही प्रत्याशी को मना लेते, तो जीत हासिल हो सकती थी। कुल मिला कर कोलेबिरा का संदेश साफ है कि आज की तारीख में विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति सबसे मजबूत है, जबकि झामुमो का जनाधार तेजी से खिसक रहा है। भाजपा को छोड़ सभी दलों के मतदाताओं ने पाला बदला है, लेकिन अल्पसंख्यकों का मत अब भी एकजुट है। कोलेबिरा ने यह भी तय कर दिया है कि राज्य का अगला चुनाव इसी लाइन पर लड़ा जायेगा।

    झारखंड में भी भाजपा के खिलाफ है जनता : बाबूलाल
    झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की जनता भी भाजपा के खिलाफ है। कोलेबिरा उपचुनाव के परिणाम ने इसे साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष तीन विधानसभा के उपचुनाव हुए और तीनों ही जगह पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी की भारी पराजय हुई है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुए कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की हार से यह साबित होता है कि अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झारखंड से भाजपा का सफाया तय है। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी बहुत जल्द महागठबंधन का एलान होगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव परिणाम से महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा कोलेबिरा उपचुनाव के परिणाम से राज्य ही नहीं केंद्र की राजनीति का प्रभावित होना तय है। यह केन्द्र व राज्य में भाजपा सरकार की नाकामियों व कुशासन की हार है। भाजपा सरकार की जुमलेबाजी व अहंकार को जनता ने आईना दिखाने का काम किया है। झारखंड की जनता भाजपा सरकार से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है। झारखंड की जनता अब भाजपा से मुक्ति चाहती है। राज्य सरकार की उल्टी गिनती आज से प्रारंभ हो गयी है।

    महागठबंधन में नहीं है कोई विरोधाभास : हेमंत सोरेन
    नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कोलेबिरा उपचुनाव में कांगे्रस के उम्मीदवार को जीत की बधाई दी है। कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस चुनाव में झारखंड पार्टी को समर्थन दिया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और झारखंड निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन द्वारा झारखंड पार्टी के प्रत्याशाी को आशीर्वाद देने के कारण झामुमो ने झारखंड पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषण की। हमारे लिये दिशोम गुरू शिबू सोरेन का आदेश राजनीतिक नफा नुकसान से ऊपर है। झारखंड निर्माण के आंदोलन में झारखंड पार्टी के योगदान को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष ने मेनन एक्का को आशीर्वाद दिया।महागठबंधन के संभावित दलों के बीच न कोई विरोधाभास है और न ही द्वंद।

    भाजपा को जनता का करारा जवाब : अन्नपूर्णा देवी
    प्रदेश राजद की अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कोलेबिरा में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत पर बधाई देते हुए कहा कि कोलेबिरा उपचुनाव में भाजपा को जनता ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया कि जनता भाजपा की नीतियों और सरकार के कार्यों से खुश नहीं है। जनता भाजपा से तंग आ चुकी है। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव के परिणाम से झारखंड में बननेवाले महागठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बहुत जल्द मजबूत महागठबंधन का एलान होगा। राजद ने मेनन एक्का को समर्थन दिया था, इसके पीछे मुख्य वजह भाजपा को रोकना था। राजद नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ मतदाता यही व्यवहार करेंगे और उसे सत्ता से बाहर करेंगे।

    हार कर भी जीत गयी है भाजपा : लक्ष्मण गिलुआ
    प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कांग्रेस प्रत्याशी को जीत पर बधाई दी है। भाजपा कोलेबिरा उपचुनाव हारकर भी जीती है। उन्होंने क्षेत्र के चुनाव कार्य में लगे पार्टी कार्यकतार्ओं को उनके परिश्रम एवं कड़ी मेहनत के लिए शुभकामनाएं दी तथा कोलेबिरा की जनता का आभार प्रकट किया। गिलुआ ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को क्षेत्र की जनता ने सराहा है। इस उपचुनाव में 2014 के मुकाबले भाजपा के मत एवं मतप्रतिशत दोनों बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि जिसप्रकार से विपक्ष सीएनटी एक्ट ,धर्मांतरण विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोला था कोलेबिरा की जनता ने इसे नकार दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2019 के चुनाव में भाजपा यह सीट अवश्य जीतेगी।

    कांग्रेस की जीत कार्यकर्ताओं की जीत : डॉ अजय
    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि कोलेबिरा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह साबित कर दिया कि झारखंड में कांग्रेस मजबूत हुई है। उन्होंने उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस कार्यकतार्ओं को बधाई दी है। कहा कि कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता चाहे वे छोटे पद पर हों या बड़े पद पर सभी ने इस उपचुनाव को कांग्रेस की प्रतिष्ठा का विषय समझा और अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सपने को झारखंड कांग्रेस के कार्यकतार्ओं ने साकार किया है। इसके लिए बतौर प्रदेश अध्यक्ष वह सभी कार्यकतार्ओं को बधाई देते हैं। जिस तरह से पार्टी के नेताओं और कार्यकतार्ओं ने काम किया है, इसी तरह से आगे भी काम होता रहा तो झारखंड में भी कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।

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