रांची। सीएम रघुवर दास ने कहा कि गरीब और सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसे लेकर ही टेली मेडिसीन की सुविधा शुरू की गयी है। फिलहाल यह सुविधा 100 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू की गयी है। गरीबों को डिजिटल डिस्पेंसरी की सुविधा नि:शुल्क मिलेगी। यह बड़ी क्रांति है। हमें डिजिटल इंडिया, डिजिटल झारखंड बनाना है। आइटी के कारण ही बिचौलियों को समाप्त किया जा रहा है। राज्यभर में 300 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चल रहे हैं। 2022 तक इसका दायरा और भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री बुधवार को पिठोरिया में राज्य के 100 चयनित स्वास्थ्य केंद्रों में अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के सहयोग से टेली मेडिसीन सेंटर (डिजिटल डिस्पेंसरी) और एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 67 साल की आजादी में राज्य में मात्र तीन मेडिकल कॉलेज ही बन पाये थे। वर्तमान सरकार ने चार साल के कार्यकाल में तीन नये (पलामू, हजारीबाग, दुमका) मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया। 68 लाख परिवारों में से 57 लाख परिवार को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया। सरकार इसके लिए 400 करोड़ की अतिरिक्त राशि खर्च कर रही है। वर्तमान में 299 एंबुलेंस का संचालन हो रहा है। 30 और नये एंबुलेंस जल्द मरीजों को अपनी सेवा देंगे। एनएच को भी एंबुलेंस सेवा से आच्छादित किया जायेगा, जो पुलिस से टैग भी होगा, ताकि पुलिस को भी घटना की जानकारी मिल सके। सीएम ने कहा कि अज्ञानता और अशिक्षा के कारण एनीमिया का प्रकोप राज्य में है। बच्चियां और महिलाएं इससे ग्रसित हैं। इसे दूर कर ही सुखी और स्वस्थ झारखंड का निर्माण कर सकेंगे।
अप्रैल से जन्म लेनेवाले बच्चे के घर शिशु किट
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल के दौरान शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है। यह यूनिसेफ और स्वास्थ्य विभाग की देन है। अप्रैल से जन्म लेनेवाले बच्चे के घर शिशु किट देने का प्रावधान किया गया है। इस किट में कपड़े और बच्चे से संबंधित आवश्यक सामान दिये जायेंगे। बाल विवाह रोकने के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू की गयी है।