रांची। फैसले के बाद झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दल बदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे। कहा कि विशेषज्ञों से राय लेकर जल्द ही उच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर का फैसला लोकतंत्र के लिए काला अध्याय है। पूरे देश में भाजपा लोकतांत्रिक मर्यादाओं का हनन कर रही है। इसके खिलाफ पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है। हमारे विधायकों को पद एवं पैसा का प्रलोभन देकर भाजपा में शामिल कराया गया। इसका जवाब आने वाले चुनाव में जनता देगी। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से ऐसे निर्णय की उम्मीद नहीं थी। फैसले पर सवाल है कि अगर ऐसा ही फैसला देना था, तब चार वर्षों तक मामले को क्यों लटकाये रखा। यह फैसला संविधान की 10वीं अनुसूची के खिलाफ है। कहा कि अध्यक्ष ने भाजपा एवं सरकार के राजनीतिक दबाव में ऐसा फैसला दिया है।