नई दिल्ली : दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अब तक प्रदेश कांग्रेस गठबंधन की बातों को नकारती रही है, लेकिन पहली बार गठबंधन पर प्रदेश के नेताओं की राय के लिए बैठक की गई। 20 से 21 नेताओं की इस बैठक में गठबंधन को ना कह दिया गया। पार्टी के अंदर कुछ नेताओं ने गठबंधन को ‘डेथ वॉरंट’ जैसा करार बताया है। बैठक में बातचीत के दौरान एक नेता ने यहां तक कहा कि अगर गठबंधन होता है तो हमारी अगली पीढ़ी कभी माफ नहीं करेगी। लेकिन अंदरखाने की सचाई अलग है। लोकल लीडरशीप ने भले ही गठबंधन को इंकार कर दिया हो, लेकिन अभी कहानी बहुत बाकी है। बैठक के बाद शीला दीक्षित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में गठबंधन को लेकर भी बातें हुई हैं। सभी ने इसे मना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम अपने बल पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि छह महीने पहले भी प्रदेश कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें सभी ने एक मत से इंकार किया था। सूत्रों का कहना है कि जब अजय माकन प्रदेश अध्यक्ष थे, तब यह प्रस्ताव पास किया गया था। अब शीला दीक्षित अध्यक्ष हैं, इसलिए एक बार फिर से यह बैठक बुलाकर सभी नेताओं की राय ली गई।