रांची। सुना सुना हो सखियां, अइले गौरा के सजनवा…गीत के साथ दूल्हे रूप में जब शिवजी रथ पर सवार हुए, तो चौतरफा माहौल भोलेनाथ की जयकारे से गूंज उठा। यह विहंगम दृश्य था रांची स्थित पहाड़ी मंदिर का। महाशिवरात्रि पर गाजे-बाजे के साथ भगवान शिव की बारात निकाली गयी। क्या छोटे क्या बड़े, पूरा माहौल शिवमय हो गया। बाबा भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के बाद यहां शिव बारात में खुद को धन्य मानते हुए औघड़-भूत-प्रेत सब शामिल थे। एक से एक मनमोहक झांकियों के साथ भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। भगवान भोलेनाथ के जयकारे से तमाम गलियां-चौराहा गुंजायमान रहा।
इससे पहले शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी थी। मंदिर से रथ पर देवी-देवताओं के रूप धारण किये घोड़े, डीजे, झांकियां, मंच पर प्रस्तुति देते कलाकार शिव बारात निकालने को तैयार थे। इसके पूर्व आयोजन समिति के सदस्यों ने लोगों के कपाल पर चंदन लगाकर बारात में शामिल होने का आमंत्रण दिया। शिव बारात निकलने से पहले महाआरती की गयी। इसमें नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, महुआ माजी, संजय सेठ, ललित ओझा सहित कई गण्यमान्य लोग शामिल थे। शिव बारात में देवताओं के साथ ही शिवगण और भूत-पिशाच आकर्षण का केंद्र रहे, जो रास्ते भर नृत्य करते चल रहे थे। जगह-जगह पुष्पवर्षा और आरती की गयी। इसमें श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के भजनों पर झूम रहे थे।
वहीं कलाकारों को शिव तांडव देख हर कोई चकित था। दिव्य विकराल रूपी भूतगण बारात की शोभा बढ़ा रहे थे। उस समय डमरुओं के डिम-डिम घोष से, भेरियों की गड़गड़ाहट से और शंखों के गंभीर नाद से तीनों लोक गूंज उठा। दुंदुभियों की ध्वनि से महान कोलाहल हो रहा था। जगत का मंगल और अमंगल का नाश करते हुए बारात नगर भ्रमण करते बढ़ रही थी। भगवान शिव की बारात पहाड़ी मंदिर से निकलकर गाड़ीखाना, अपर बाजार, शहीद चौक, अल्बर्ट एक्का चौक, कचहरी चौक, रातू रोड होते पिस्कामोड़ पहुंची।