गिरिडीह। संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा मंगलवार को आहूत भारत बंद का आरजेडी और वाम दलों ने भी समर्थन किया है। बंद जातीय जनगणना कराने के बाद आबादी के अनुसार आरक्षण लागू करने समेत कई मुद्दों को लेकर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले से राहत देने के हालिया आदेश के बावजूद आदिवासी समूहों ने अपने 5 मार्च के घोषित भारत बंद के फैसले पर कायम रहने का निर्णय किया है। आदिवासी इस राहत को फौरी मान रहे हैं और उनका मानना है कि वन अधिकार अधिनियम के तहत उचित कानून की गैरमौजूदगी में इसे कभी भी पलट दिया जाएगा। आदिवासी समूह यह मांग का रहे हैं कि केंद्र उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अध्यादेश लाए।
कानपुर में संविधान बचाओ आंदोलन के दौरान पुलिस पर पथराव
कानपुर में संविधान बचाओ आंदोलन के तहत दलित कार्यकतार्ओं ने लगाया जाम। पुलिस और अफसरों पर भी पथराव किया गया। नायब तहसीलदार संजय सिंह व एसडीएम के चालक वीर सिंह का सिर फटा। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
खगड़िया में बंद समर्थकों ने अवध-असम एक्सप्रेस को रोका
संविधान बचाओ संघर्ष समिति की अगुवाई में बिहार के खगड़िया में भारत बंद का मिला-जुला असर रहा। हालांकि राजद, रालोसपा सहित अन्य विपक्षी दलों के इसमें कूद जाने कुछ जगह बंदी प्रभावी दिखा। बंद समर्थकों ने एनएच 31 पर आवागमन ठप करने के साथ शहर के राजेंद्र चौक के पास जाम कर दिया। करीब दो घंटे तक आवागमन ठप रहा। इस बीच कुछ बंद समर्थक रेलवे स्टेशन पहुंच कर अवध-असम ट्रेन को करीब दो मिनट तक रोका।
गिरिडीह जिले में भारत बंद के तहत किया गया रोड जाम
झारखंड के गिरिडीह जिले में मंगलवार को भारत बंद के तहत सरिया, बगोदर, तिसरी और जमुआ आदि में संविधान बचाओ बैनर के तले रोड जाम किया गया।