आजाद सिपाही संवाददाता
बंशीधर नगर। बंशीधर प्रखंड अंतर्गत गरबांध गांव में होने वाली घाघरा जलापूर्ति योजना एक माह से ठप होने पर गरबांध गांव के ग्रामीणों ने घाघरा खेत जलापूर्ति स्थल पर पहुंचकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मैकेनिकल इंजीनियर सहित आॅपरेटर को पांच घंटे बंधक बनाया। ग्रामीणों ने सुबह आठ बजे से लेकर एक बजे तक बंधक उन्हें बनाये रखा। बंधक बनाने वाले ग्रामीणों का कहना था कि वे लोग पानी के बगैर परेशान हो रहे हैं और आॅपरेटर आराम फरमा रहे हैं। आपरेटर की लापरवाही की कारण ग्रामीणों को ससमय पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जब भी वे लोग आॅपरेटर से सवाल करते हैंं, तो कभी कहते हैं कि मोटर खराब है, तो कभी लाइट नहीं है, तो कभी कुछ ना कुछ बहाने बाजी करते रहते हैं और हम सभी लोग पानी के समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घाघरा पाइप लाइन सप्लाई एवं गरबांध पानी टंकी में छह आॅपरेटर कार्यरत हैं। जबकि घाघरा पाइप लाइन सप्लाई में अरविंद सिंह, महेंद्र पासवान आॅपरेटर हमेशा डियूटी कार्य करते है। जबकि आपरेटर रामाश्रय प्रसाद, ईश्वर यादव, रंजीत सिंह, महेंद्र प्रसाद आॅपरेटर हमेसा गायब रहता है। ग्रामीणों ने कहा कि आॅपरेटर केवल सरकार की पैसा को ले रहे हैं। मगर काम कुछ भी उन लोग नहीं करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घाघरा पाइप लाइन सप्लाई 13 साल पूर्व निर्माण हुआ है मगर कभी भी सुचारू ढंग से पानी सप्लाई नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि घाघरा पाइपलाइन सप्लाई में तीन मोटर लगाये गये थे। जबकि दो मोटर कुछ वर्ष पहले खराब हो गये और एक मोटर जो कभी कभी चलता है वह भी अंतिम सांस ले रहा है। ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाने के बाद आॅपरेटर और मेकेनिकल इंजीनियर अपनी गलती स्वीकार किया तथा भविष्य में कभी शिकायत नहीं मिलने की बात कहे जाने पर ग्रामीणों ने बंधक बनने वाले विभाग के अधिकारियों को छोड़ा। मौके पर लालमोहन यादव, सुनील चंद्रवंशी, सूरज सिंह, सुदामा पासवान, अभय चंद्रवंशी, हरिहर चंद्रवंशी, जितेंद्र कोरवा, मुन्ना चंद्रवंशी सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।