चांडिल, तमाड़। सरायकेला के तिरूलडीह थाना क्षेत्र में कुकड़ू साप्ताहिक हाट में विधि व्यवस्था की पड़ताल करने गये पांच पुलिसकर्मियों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। नक्सली गोलाबारी में पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गये। इनमें दो एएसआइ और तीन कांस्टेबल शामिल हैं। एक जवान के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी भाग निकला, जबकि कुछ लोग उसे नक्सलियों द्वारा साथ ले जाने की बात कह रहे हैं। घटना शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे की है। हमले के बाद नक्सली पुलिस के हथियार लेकर फरार हो गये। बताया जा रहा है कि यह हमला कुंदन पाहन का दाहिना हाथ माने जानेवाले महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने किया है। कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद से ही महाराज प्रमाणिक का दस्ता इलाके में सक्रिय है। लोगों का तो यहां तक दावा है कि महाराज प्रमाणिक के पास ही कुंदन पाहन के घातक हथियार हैं। क्योंकि कुंदन पाहन ने आत्मसमर्पण तो किया, लेकिन अपने मारक हथियार पुलिस को नहीं सौंपे थे। उसके आत्मसमर्पण के बाद से ही महाराज प्रमाणिक उस इलाके में सक्रिय हो गया था।
इधर घटना के बाद जमशेदपुर के सिटी एसपी प्रभात कुमार घटनास्थल के आसपास सर्च अभियान चलवा रहे हैं। फिलहाल वही सरायकेला एसपी के चार्ज में भी हैं। सूचना पाकर वह भी घटनास्थल पर पहुंचे। इधर ग्रामीणों का कहना है कि घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली बंगाल की तरफ भाग गये।
कुंदन पाहन के बाद क्षेत्र में है महाराज प्रमाणिक का आतंक
कुंदन पाहन के सरेंडर करने के बाद से ही क्षेत्र में महाराज प्रमाणिक का आतंक राज कायम है। यह वही महाराज प्रमाणिक है, जो कुंदन पाहन के साथ रहा करता था। कुंदन पाहन ने जब सारी सुविधाएं लेकर सरेंडर किया था, तब अपने सारे हथियार इसी महाराज प्रमाणिक को सौंप दिया था, जिसे आज तक पुलिस नहीं तलाश सकी। आजाद सिपाही ने बहुत पहले ही आगाह किया था कि कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद भी बुंडू, तमाड़ और सरायकेला के इलाके में महाराज प्रमाणिक सक्रिय है और वे कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस घटना के बाद पुलिस के उस दावे की हवा निकल गयी है, जिसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडेय ने कहा था कि झारखंड से नक्सलवाद खत्म हो गया है। कुछ अपराधी किस्म के नक्सली बच गये हैं, जिन्हें जल्द ही दबोच लिया जायेगा।
पांच बाइक पर आये थे नक्सली
पांच मोटरसाइकिल पर सवार हथियारबंद नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला किया। हमले के बाद नक्सलियों ने पुलिस के हथियार छीन लिये और नारा लगाते हुए फरार हो गये। मृतकों में एक एएसआइ गोवर्द्धन पासवान और एक आरक्षी मुंधन हांसदा, कांस्टेबल युधिष्ठिर मालूआ, डिब्रू पूर्ति, धनेश्वर महतो शामिल हैं, जबकि चालक सुकलाल कुदड़ा ने भाग कर जान बचायी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नक्सली बुंडू की और भाग गये। घटना के बाद कुकडु बाजार खाली हो गया और सन्नाटा पसर गया।
खरीदारी कर बाजार में किनारे खड़े थे पुलिसकर्मी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पांच से छह पुलिसकर्मी कुकड़ू गांव में किसी काम से आये थे। इसके बाद वे साप्ताहिक बाजार में पहुंचे और कुछ खरीददारी भी की। इसी दौरान सभी पुलिसकर्मी बाजार में ही एक मंदिर के पास खड़े थे। इतने में बंगाल की ओर से छह बाइक पर हथियारबंद नक्सली वहां पहुंचे और पुलिसकर्मियों पर अंधाधुध फायरिंग शुरू कर दी। पांच पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गयी। वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली तिरुलडीह थाना की ओर भाग निकले।
पुलिसकर्मियों की शहादत बेकार नहीं जायेगी : रघुवर दास
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरायकेला में नक्सली हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों की शहादत बेकार नहीं जायेगी। दुख की इस घड़ी में समस्त झारखंडवासी और सरकार शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ है। राज्य में अंतिम सांसें गिन रहे नक्सलवादियों ने बौखलाहट में घटना को अंजाम दिया है। इस घटना से राज्य सरकार और सुरक्षाकर्मियों का मनोबल न टूटेगा और न ही विचलित होगा। सरकार कठोर कार्रवाई जारी रखेगी।
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