रांची।पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम हस्तांतरित जमीन की जांच को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। प्रार्थी ने मुख्य सचिव, सीबीआइ, डीजीपी, उपायुक्त, कांके अंचलाधिकारी सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी जनसभा पलामू के महासचिव पंकज कुमार यादव ने पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका दायर की। उन्होंने बताया कि कांके अंचल के खाता संख्या- 87, प्लॉट संख्या- 1232 (1232- 21) परती कदीम प्रकृति की 50.90 डिसमिल जमीन पूर्व डीजीपी डीके पांडये ने अपनी पत्नी पूनम पांडेय के नाम पर ली है। यह जमीन 20 जून 2018 को ट्रांसफर हुई है। इसी तरह सुलभा सिंह, मंजुला प्रभा, शोभा सिंह, शिवशंकर प्रसाद सिंह, अंजना नारायण, एम सिंह, बृजेंद्र कुमार सिंह, तालकेश्वर राम, उमावती देवी, गायत्री देवी, रेखिका सिंह, आशा देवी, भावना मिश्रा, अनुपमा कुमारी के नाम पर भी जमीन की खरीद की गयी है। कांके अंचल से दाखिल-खारिज भी कराया गया है।
क्या है मामला
प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि चामा मौजा, कांके में 50.90 डिसमिल जमीन पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम पर ली गयी है। इसकी गलत तरीके से रजिस्ट्री करायी गयी। परती कदीम प्रकृति वाली जमीन सरकारी जमीन होती है। उसे फर्जीवाड़ा कर रैयती में बदला गया। जबकि वर्ष 2016 में सरकार का निर्देश था कि इस तरह की जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। इसके बाद भी जमीन का नेचर बदलकर पूर्व डीजीपी की पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री करायी गयी। अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि बिल्डर की ओर से एक फॉल्स व्यक्ति को खड़ा किया गया, उसके नाम पर सारे कागजात फर्जी बनाये गये। साथ ही उस फर्जी व्यक्ति को खतियानी रैयत बना दिया गया, उसे रैयत बनाकर रजिस्ट्री करायी गयी। इसी तरह कांके मौजा में 25 व्यक्तियों का ग्रुप बनाकर हेराफेरी कर सरकारी जमीन की खरीद बिक्री की गयी है। इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग की गयी है।
पूर्व डीजीपी की जमीन की जांच को लेकर पीआइएल दाखिल
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