नई दिल्ली : देश में 5जी पर उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता करने वाले प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने 5जी ट्रायल में चीनी कंपनी हुवावे की भागीदारी का विरोध किया है। अधिकारी ने चीनी कंपनी को लेकर सुरक्षा संबंधी कारणों का हवाला देते हुए यह विरोध जताया है। हुवावे के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और सरकार से बेहद नजदीकी संबंध होने की खबरें सामने आई हैं।
5जी पर उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता करने वाले प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कहा, ‘भारत को चीनी वेंडर्स को छोड़कर अन्य तमाम कंपनियों के साथ 5जी ट्रायल तत्काल शुरू कर देना चाहिए।’ इससे पहले अमेरिका ने भी इसी तरह की चिंता जताकर हुवावे पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक, 5जी टेक्नॉलजी ट्रायल्स पर उप-समिति की 13 जून को हुई बैठक के दौरान राघवन ने कहा, ‘अगर हम 5जी ट्रायल में चीनी कंपनी को भी शामिल करते हैं तो हमें इसके फायदे और नुकसान का एक खाका तैयार कर लेना चाहिए।’ उच्चस्तरीय समिति में खुफिया ब्यूरो (आईबी), विदेश मंत्रालय, केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
बैठक के दौरान सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने ट्रायल में हुवावे को शामिल करने को लेकर अलग-अलग विचार व्यक्त किए। हुवावे के चीन की सत्ता और सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ संबंधों की दुनियाभर में अफवाहों को देखते हुए सुरक्षा संबंधी आशंकाओं से निपटने के लिए उपाय बरतने पर सभी मंत्रालय एकमत हैं।