नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए शनिवार को दूसरी बार कई बड़े ऐलान किए। अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री का मूल फोकस हाउजिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर्स पर रहा। देशभर में लटके हाउजिंग प्रॉजेक्ट को पूरा करने की दिशा में वित्त मंत्री ने एक बड़ा स्ट्रेस फंड बनाने की घोषणा की है, जिसका रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से मांग कर रहा था। केंद्र सरकार के इस कदम से देशभर के होमबायर्स को राहत मिली है। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर की लटकी परियोजनाओं पर पड़ेगा, जो पैसे के अभाव में पूरा नहीं हो पा रहे हैं। वित्त मंत्री ने पैसों के अभाव में लटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का स्ट्रेस फंड बनाने की घोषणा की है। हालांकि, इसमें पेच यह है कि इसका फायदा उन्हीं रियल एस्टेट परियोजनाओं को मिल सकेगा, जो न तो एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट्स) हैं और न ही उनका मामला एनसीएलटी (नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल) में चल रहा है।
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