नयी दिल्ली। अयोध्या के ऐतिहासिक जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो गयी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीजेआइ अगले महीने 18 नवंबर को रिटायर होनेवाले हैं, ऐसे में उससे पहले इस ऐतिहासिक मामले में फैसला आ सकता है। सीजेआइ ने सुबह सुनवाई शुरू करने से पहले स्पष्ट कर दिया कि शाम पांच बजे तक सुनवाई पूरी होगी, लेकिन इससे एक घंटे पहले ही चार बजे सुनवाई पूरी हो गयी।
पीठ ने संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग आॅफ रिलीफ’ पर लिखित नोट रखने के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया है। दरअसल मोल्डिंग आॅफ रिलीफ में दोनों पक्षों की ओर से अपील के दौरान जो गुहार लगायी गयी है, उस गुहार से आगे-पीछे कुछ गुंजाइश बनती है क्या, इस संभावना को देखा जाता है। संवैधानिक बेंच में सीजेआइ रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
40 दिन तक लगातार चली सुनवाई
अयोध्या विवाद की सुनवाई संवैधानिक पीठ में लगातार 40 दिन तक चली। सीजेआइ ने पहले ही कह दिया था कि पीठ हर दिन मामले की सुनवाई करेगी। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी गयीं। कई ऐतिहासिक दस्तावेज अदालत में पेश किये गये और तथ्यों के आधार पर दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी।
पुलिस-प्रशासन के अफसरों की सभी छुट्टियां रद्द
अयोध्या पर बहुप्रतीक्षित और संवेदनशील फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने फील्ड में तैनात प्रशासन और पुलिस के अफसरों की सभी छुट्टियां 30 नवंबर तक के लिए रद्द कर दी हैं। हालांकि, शासन का कहना है कि आगामी त्योहारों के मद्देनजर ऐसा किया गया है। शासन का कहना है कि अति विशेष परिस्थिति को छोड़ कर किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकार नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को अपने-अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश भी दिये गये हैं।
अयोध्या में पीएसी की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले योगी सरकार प्रदेश में खासकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर लेना चाह रही है। शासन ने प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। निषेधाज्ञा लागू किये जाने के बाद अयोध्या में अतिरिक्त पुलिस और पीएसी बल को भी तैनात किया गया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या और आसपास के जिलों की सीमाओं पर पहरा कड़ा कर दिया जायेगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती दीपोत्सव के दृष्टिगत की गयी है।
दीपोत्सव के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ायी गयी
इस बीच शासन ने 26 अक्टूबर से शुरू होनेवाले दीपोत्सव के मद्देनजर अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी है। वहां सात एएसपी, 20 सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 उपनिरीक्षक और पांच सौ सिपाहियों को तैनात किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 26 अक्टूबर से पहले कुछ और पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की तैनाती होगी। सात कंपनी अतिरिक्त पीएसी भेजने का आदेश भी दिया गया है। वर्तमान में अयोध्या में करीब चार कंपनी अर्द्धसैनिक बल और 15 कंपनी पीएसी तैनात हंै। पूरे अयोध्या जिले में 10 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू है। डीएम अयोध्या अनुज कुमार झा ने एक दिन पूर्व ही जिले में निषेधाज्ञा लागू की है।
डीजीपी के साथ अयोध्या पहुंचे मुख्य सचिव
इस बीच दीपोत्सव की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र प्रसाद आदि आलाधिकारी बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने दीपोत्सव के केंद्र राम की पौड़ी, भजन संध्या स्थल एवं रामकथा पार्क का जायजा लेने के साथ स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि दीपोत्सव पूरी भव्यता से मनाया जायेगा। असामाजिक तत्व कोई विघ्न नहीं पैदा कर पायेंगे। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव की भव्यता के ही हिसाब से सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त होगा। सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस, पीएसी सहित अर्द्धसैनिक बल के जवान भी शामिल होंगे।