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    Home»Top Story»बेहतर व्यवस्था वही, जिसमें अफसरों को आदेश नहीं देना पड़े
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    बेहतर व्यवस्था वही, जिसमें अफसरों को आदेश नहीं देना पड़े

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 25, 2019Updated:October 25, 2019No Comments3 Mins Read
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    अजय शर्मा
    रांची। सबसे बेहतर शासन व्यवस्था वही मानी जाती है, जिसमें अधिकारियों को हुक्म न देना पड़े। अफसर अपनी जवाबदेही समझें, किसी भी आदेश के पहले यह पता चले कि वह पहले ही लागू हो चुका है। अगर अधिकारी संवेदनशील हो गये, अपनी जवाबदेही को समझ गये, तो गरीबों को यहां तक नहीं पहुंचना होगा। बकौल सीएम थानेदार तो अच्छे कपड़े पहनने वालों को कुर्सी देते हैं, उन्हें बैठाते हैं। गरीबों की तो सुनते भी नहीं। अधिकारी इनकी बात जरूर सुनें और इन्हें न्याय दें। मुख्यमंत्री रघुवर दास गुरुवार को मुख्यमंत्री जनसंवाद में आयी शिकायतों की सुनवाई करने के बाद सभी उपायुक्तों को संबोधित कर रहे थे। अपने इस कार्यकाल के अंतिम जनसंवाद में उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2015 में इसकी शुरुआत हुई, उस समय अधिकांश शिकायतें बिजली विभाग से जुड़ी मिलती थीं। ट्रांसफार्मर नहीं है। बिचौलिये पैसे मांगते हैं। जब इसकी मॉनिटरिंग हुई, तो बिचौलिये गायब हो गये और पूरे राज्य में बिजली भी मिल गयी। अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने की शिकायत आती थी। इस समस्या को भी दूर कर लिया गया और इसका श्रेय गृह विभाग और इसके मुखिया सुखदेव सिंह को जाता है। सीएम यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि किस तरह से यह कार्यक्रम लोकप्रिय हुआ और उनकी समस्याओं को ज्यादा सुना गया, जो अपनी बात छोटे से छोटे अफसर तक नहीं पहुंचा पाते थे, या उनकी बात नहीं सुनी जाती थी। सीएम जो कुछ कह रहे थे, उसका लब्बोलुआब यह था कि वह खुद और उनकी सरकार जनता के साथ-साथ अंतिम पायदान के लोगों के लिए ज्यादा जवाबदेह है। इस जनसंवाद के जरिये साढ़े चार साल में करीब 18 लाख लोगों से सरकार सीधे संपर्क में रही।
    संवेदनशील हों डीसी, स्वयं गरीबों तक पहुंचें : सीएम
    रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब और बेघर लोगों को हर हाल मे आवास देगी। उपायुक्तों को छूटे हुए गरीबों को अपने विवेक से 250-250 आवास आवंटित करने के लिए अंबेडकर आवास योजना के तहत अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ऐसे मामले अधिक आते हैं, तो जिन जिलों को डीएमएफटी फंड है या आकांक्षी जिलों की राशि है, उससे भी बेघर लोगों को आवास दिये जायें। इसमें विधवा महिलाओं, अति पिछड़ों, आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को प्राथमिकता दें। जहां जरूरत है, वहां कैंप लगाकर लोगों को शामिल करें। कोई बेघर इससे वंचित न रहे, इसे सभी उपायुक्त सुनिश्चित करें।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर में शौचालय भी हो, इसे भी सुनिश्चित करें। 28 अक्टूबर तक इनकी मंजूरी की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित कर दें। प्रधानमंत्री आवास योजना, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर योजना, बिरसा आवास योजना और वेद व्यास योजना के तहत घर आवंटित करने हैं। लाभुकों को पहली किस्त भी छठ से पहले मिल जाये, इसे सुनिश्चित करें।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि काम में तेजी लाने के लिए सखी मंडल, रानी मिस्त्री आदि का सहयोग लें। गरीबों की मदद के लिए अधिकारी उनके पास जायें।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े ब्लॉक में अधिकारियों को भेजकर गरीबों को योजना का लाभ दिलायें। गोड्डा में सुंदर पहाड़ी में कैंप लगाकर आवास आवंटित करें। पाकुड़ में पहाड़िया समुदाय के लिए अलग से कैंप लगाने को कहा। साहेबगंज के पतना और बरहेट में भी कैंप लगाकर हर गरीब को आवास आवंटन करने का निर्देश दिया। जामताड़ा के कुंडहित और करमाटांड में चौपाल लगाकर आवास आवंटित करें।

    The best system is the one in which officers do not have to order: CM
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