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    Home»Top Story»हम होंगे कामयाब
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    हम होंगे कामयाब

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 23, 2019No Comments6 Mins Read
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    झारखंड में 23 दिसंबर अपना अतीत दोहराने वाला है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी 23 दिसंबर को ही चुनाव के नतीजे आये थे और इन नतीजों ने रघुवर दास के सिर पर सत्ता का ताज सजा दिया था। इस बार नतीजे से किसकी किस्मत चमकेगी और कौन नेपथ्य ंमें जायेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। वैसे नतीजों की घोषणा से पहले जो एग्जिट पोल आये हैं, उसने भाजपा खेमे के सामने बेचैनी की स्थिति पैदा कर दी है। वहीं हेमंत सोरेन के नेतृत्ववाले महागठबंधन को खुश होने का मौका दे दिया है। पर यह भी सच्चाई है कि एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सही नहीं होते। झारखंड में अगली सरकार का स्वरूप क्या होगा, यह यह 23 दिसंबर का जजमेंट डे तय करेगा। एक बार फिर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी या फिर झारखंड खंडित जनादेश के मुहाने पर खड़ा होगा, जोड़-तोड़ के जरिए सरकार बनाने की कवायद होगी या एक बार फिर निर्दलीय सत्ता की धुरी बनेंगे, ऐसे तमाम सवालों के जवाब इसी तारीख को मिल जायेंगे। बहरहाल, जजमेंट डे की प्रतीक्षा में सभी बड़े नेताओं को अपनी-अपनी कामयाबी का भरोसा है। नेताओं के इस भरोसे पर नजर डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।

    हम होंगे कामयाब। यह यकीन सबको है। चाहे वह मुख्यमंत्री रघुवर दास हों या नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन। झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश या फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव। यही वजह है कि फाइनल रिजल्ट से पहले सब अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। वैसे भी इनके दावे गलत हैं, ऐसा नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अलग-अलग एग्जिट पोल झारखंड की विधानसभा सीटों पर हार-जीत का अलग-अलग आंकड़ा पेश कर रहे हैं। हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद महागठबंधन के खेमे में उत्साह का माहौल है, पर भाजपा भी हताश नहीं है। भाजपा को यकीन है कि वह झारखंड में फिर से सरकार बनायेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कहा कि झारखंड में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। पार्टी अपने 65 प्लस के लक्ष्य के करीब पहुंच गयी है। वहीं झामुमो को भी नयी सरकार बनाने का यकीन है। झामुमो के प्रशंसकों ने हरमू के सहजानंद चौक पर पार्टी के नेता का बैनर तक टांग दिया है। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि झारखंड में अगली सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। जनता का रुझान महागठबंधन के पक्ष में है और हमारा आंतरिक सर्वे भी यही इशारा करता है। एग्जिट पोल के नतीजे भी यही संकेत कर रहे हैं।

    इसलिए भाजपा को भरोसा है कि वह सरकार बना सकती है
    सर्वे करनेवाली एजेंसी जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार झारखंड विधानसभा चुनाव मेें भाजपा के हिस्से में 22 से 30 सीटें आ सकती हैं। चुनाव से पहले भाजपा की सहयोगी रही आजसू तीन से पांच सीटें जीत सकती है और झाविमो तीन से चार सीटें जीत सकता है। इस एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार निर्दलीय एवं अन्य सात सीटें जीत सकते हैं। इस आकलन को आजसू, झाविमो और भाजपा कोई मानने को तैयार नहीं है। यदि यही एग्जिट पोल चुनाव के नतीजों के रूप में सामने आता है, तो भाजपा आजसू और झाविमो के साथ निर्दलीयों का समर्थन लेकर सरकार बनाने की कवायद कर सकती है। इन सबका साथ लेने पर भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकडा शायद हासिल हो जाये। वहीं महागठबंधन के नजरिये से देखें, तो यदि जन की बात का एग्जिट पोल यथार्थ के धरातल पर उतरता है, तो झामुमो के नेतृत्व वाला महागठबंधन आराम से सरकार बना लेगा, क्योंकि इस एग्जिट पोल में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन को अधिकतम 46 सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है। वहीं प्रभासाक्षी के एग्जिट पोल में गठबंधन को अधिकतम 42 सीटें तक मिलने की संभावना जतायी गयी है। इंडिया टुडे के सर्वे में तो यह संख्या 50 सीटों तक गयी है। जाहिर है कि एग्जिट पोल में महागठबंधन झारखंड में अगली सरकार बनाता दिख रहा है। हालांकि यह भी सच है कि एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सही नहीं होते, पर इतना तो जरूर है कि सारे एग्जिट पोल पूरी तरह बेसलेस नहीं हैं।

    सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में भाजपा ही उभरेगी
    झारखंड की राजनीति के जानकारों का कहना है कि चुनाव में नतीजे चाहे जो आयें, पर एग्जिट पोल में इतना तो दिख ही रहा है कि सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में भाजपा ही उभर कर सामने आयेगी। वहीं अधिक सीटें जीतने में महागठबंधन सफल होता दिख रहा है। एक संभावना यह भी बन रही है कि भाजपा और महागठबंधन दोनों में से किसी के पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का आंकड़ा न आये और दोनों के सामने निर्दलीय और दूसरी पार्टियों से समर्थन लेने की नौबत आये। इससे साफ है कि झारखंड में किसी एक दल की बिना बाहरी समर्थन के पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनने जा रही। ऐसी सरकार यदि झारखंड में बनती है, तो इस सरकार को लंबे समय तक चलाये रखने के लिए कड़ी मशक्कत की जरूरत पड़ेगी। हालांकि यदि भाजपा 30 से कम सीटें जीतने में सफल होती है, तो उसके लिए सरकार बनाने का टास्क कठिन होता जायेगा, क्योंकि उसके साथ चुनाव के बाद सिर्फ आजसू और निर्दलीय आ सकते हैं। झाविमो को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के दावे हैं, लेकिन 23 के बाद पता चलेगा कि झाविमो किधर जायेगा।

    आजसू, झाविमो और निर्दलीय विधायकों की बढ़ सकती है पूछ
    चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर को जारी होने के बाद झारखंड में झारखंड में महागठबंधन और भाजपा यदि सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को छूने में नाकामयाब रहती है, तो आजसू, झाविमो और निर्दलीय विधायकों की पूछ बढ़ जायेगी। हालांकि महागठबंधन यदि अपने दम पर सरकार बनाने के लिए जरूरी 41 सीटों के आंकड़े को छू लेता है, तो उसी दिन शाम को वह सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के सामने पेश कर देगा। एग्जिट पोल के जो नतीजे हैं उससे जेएमएम ज्यादा उत्साहित है जबकि भाजपा का कहना कि परिणाम इसके उलट होंगे। झारखंड में किस्सा कुर्सी का असली पिक्चर तो चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही दिखेगा। इसके इंतजार में झारखंड में सभी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की रविवार की रात बड़ी मुश्किल में कटेगी।

    we will succeed
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