रांची। भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले द्वारा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गये पत्र का मामला तूल पकड़ने लगा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके लक्ष्मण गिलुआ ने कहा है कि पत्र पर संगठन महामंत्री के साथ विचार किया जायेगा।
बुधवार को जब गिलुआ से पत्र की बाबत पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी पत्र की प्रति मिली है। इस पर संगठन महामंत्री के साथ बैठ कर विचार किया जायेगा। यह पूछे जाने पर कि बिना सफाई का मौका दिये सीधे पार्टी से निष्कासन कितना उचित है, उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान काले और अन्य नेताओं बारे में जो रिपोर्ट मिली, उसके आधार पर ही कार्रवाई की गयी। सामान्य दिनों में सफाई मांगी जाती है। चुनाव में विशेष परिस्थिति होती है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने पत्र को गंभीरता से लिया है। वैसे भी भाजपा में हर कार्यकर्ता के सम्मान का ध्यान रखा जाता है।
पत्र में काले ने उठाया है सवाल
बता दें कि पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गये पत्र में सवाल किया है कि बिना किसी कारण के उन्हें पार्टी से क्यों निकाला गया। पत्र की प्रति पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री और प्रदेश संगठन महामंत्री को भी भेजी है। पत्र में काले ने कहा है कि उनके पांच वर्षों की पीड़ा बयां करने के लिए वह सभी के आगे फरियाद करते रहे, लेकिन एक व्यक्ति विशेष के कारण उन्हें टारगेट किया गया । उन्होंने कहा कि सिर्फ़ एक व्यक्ति के कारण पार्टी का नुकसान हो रहा है। उन्होंने पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारियों के पास पुन: फरियाद लगायी। उनका दोष उन्हें समझ नहीं आया।
काले ने सवाल किया है कि क्यों निष्कासित किये गये नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करना जरूरी नहीं समझा गया? उन्होंने पत्र में कहा कि एक व्यक्ति के इशारे पर उनके साथ अस्पर्शी जैसा व्यवहार किया गया। पांच साल तक लगातार उनके ऊपर हो रहे व्यक्तिगत अत्याचार को कोई नहीं रोक पाया, यह सभी पदाधिकारी भलीभांति जानते हैं। काले ने कहा है कि मुझे उचित मौका प्रदान करें, ताकि मैं अपनी पीड़ा दोबारा बयां कर सकूं।
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