नयी दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया कांड में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निर्भया केस के सभी चार दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है। दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जायेगी। दोषियों को 14 दिन का वक्त मिला है। मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी होगी। वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि वे क्यूरिटव याचिका दायर करेंगे। इससे पहले अदालत में मंगलवार को डेथ वारंट के मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई हुई। कोर्ट में दोषियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई।
सरकारी वकील ने अदालत से डेथ वारंट जारी करने की अपील की है। वहीं दोषियों के वकील ने अदालत को बताया है कि वह क्यूरेटिव याचिका दायर करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। वकील राजीव मोहन की ओर से अदालत में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट की ओर से उन्हें दोषी करार दिया जा चुका है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान समय में कोई भी दया याचिका लंबित नहीं है। इस पर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उनके वकील पूरी रिपोर्ट कर रहे हैं, हमें भी इसकी कॉपी देनी चाहिए। वकील राजीव मोहन ने कहा कि डेथ वारंट से मामला खत्म नहीं होता, वारंट से फांसी के बीच दया याचिका दायर की जा सकती है।
नियमों के अनुसार दोषी को 14 दिन का वक्त मिलना चाहिए। वकील एमएल शर्मा की ओर से कहा गया कि वह मुकेश सिंह की ओर से पेश हो रहे हैं। जब जज ने इसे लेकर सवाल किया तो एमएल शर्मा ने कहा कि वह पहली बार इस केस को लेकर पेश हो रहे हैं।
दोषी अक्षय ने एक अखबार की उस रिपोर्ट को भी झूठा करार दिया, जिसमें दोषियों द्वारा सजा टलवाने के लिए साजिश रचने की बात कही गयी है। उसने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है। उसने यह भी कहा कि वह क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मीडिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से बाहर निकाल दिया और दोषियों का नाम अलग-अलग पूछा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान निर्भया की मां अदालत में ही रो पड़ीं। जेल अधिकारियों के मुताबिक तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ने एक सप्ताह के भीतर ही जेल प्रशासन को अपना जवाब भेज दिया था। उन्होंने दया याचिका से पहले क्यूरेटिव याचिका लगाने का विकल्प होने की बात कही थी। वहीं बाद में एक अन्य दोषी मुकेश ने भी जवाब दाखिल कर कानूनी विकल्प होने की बात कही है।
हैवानियत से लेकर डेथ वारंट तक
नयी दिल्ली। 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले दोषियों के खिलाफ मंगलवार को डेथ वारंट जारी कर दिया गया है। इस फैसले के बाद देश भर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जायेगी। सात साल पहले पूरे देश को दहशत में लाने वाले इस मामले में कब-कब क्या हुआ पढ़ें, पूरी टाइम लाइन…
प्16 दिसंबर 2012: वसंत विहार में पारा मेडिकल की छात्रा के साथ एक नाबालिग समेत छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया। उसके साथी के साथ मारपीट की गयी। दोनों को बस से कुचलकर मारने का प्रयास किया गया।
17 दिसंबर 2012: पुलिस ने मुख्य आरोपी एवं बस चालक राम सिंह सहित चार लोगों को पकड़ा।
18 दिसंबर 2012: चार आरोपियों के पकड़ाने के साथ ही राजधानी में गैंगरेप के विरोध में प्रदर्शन शुरू।
21 दिसंबर 2012: गैंगरेप के पांचवें आरोपी ने कहा कि वह नाबालिग है। उसकी उम्र साढ़े सत्रह वर्ष है। उसे आनंद विहार बस अड्डा से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन एक अन्य आरोपी अक्षय कुमार उर्फ ठाकुर को औरंगाबाद (बिहार) से गिरफ्तार किया गया।
22 दिसंबर 2012: पीड़िता ने एसडीएम के सामने अस्पताल में अपने बयान दर्ज कराये।
23 दिसंबर 2012: दिल्ली हाईकोर्ट ने तेजी से सुनवाई के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया।
प्24 दिसंबर 2012: पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहने के दौरान सरकार ने इस तरह के मामलों में तेजी से सुनवाई और कानून बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया।
27 दिसंबर 2012: गैंगरेप पीड़िता की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया।
29 दिसंबर 2012: पीड़िता की सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी।
03 जनवरी 2013: दिल्ली पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, अप्राकृतिक यौनाचार, अपहरण एवं सबूत मिटाने का आरोप पत्र दाखिल किया।
28 जनवरी 2013: आरोपियों में से एक को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग घोषित किया।
02 फरवरी 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच लोगों पर हत्या, गैंगरेप, लूट के मामलों में आरोप तय किये।
11 जुलाई 2013: जेजेबी ने नाबालिग को लूटपाट मामले में दोषी ठहराया।
प्11 जुलाई 2013: गैंगरेप आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
25 अगस्त 2013: नाबालिग पर फैसले की तारीख बढ़ायी गयी।
31 अगस्त 2013: नाबालिग को गैंगरेप और हत्या में तीन वर्ष की सजा सुनायी गयी।
10 अक्तूबर 2013: चार आरोपी अक्षय ठाकुर, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को दोषी करार दिया गया। शेष पेज 16 पर