रामगढ़। रामगढ़ प्रखंड के अरगडा में लॉकडाउन के दौरान किसी तरह से शादी हो गई। लेकिन अभी तक दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है। लॉकडाउन के चलते आसनसोल(बंगाल) से आए दुल्हा सहित वधु पक्ष के महिलाएं, बच्चे व पुरूष फंस गए हैं। ओड़िशा के संबलपुर, राउरकेला व टोटलागढ़ तथा छत्तीसगढ़ के रायपुर से शादी में शरीक होने आए दुल्हन के 70 रिश्तेदार-कुंटुब को चिंता सताने लगी है, कि वे लोग कबतक अपने घर पहुंचेंगे। फिलहाल कोरोना को हराने के लिए शारीरिक दूरी बनाकर घर पर ही रहने का अनुपालन करते हुए दुल्हन के भाई व परिवार के अन्य लोग अतिथि सत्कार में रिश्तेदारों के सेवा में लगे हैं।
सीसीएल कर्मी रहे माइनस क्वार्टर निवासी स्व. राजकपुर जगदल्ला की पुत्री मानिका उर्फ मोनी की शादी गत 22 मार्च को आसनसोल(बंगाल) के नीचुपोड़ा निवासी दासु दीप के पुत्र राकेश दीप के साथ होना तय हुआ था। उस दिन कोरोना वायरस को लेकर देश भर में जनता कर्फ्यू लग जाने के कारण शादी नहीं हो पाई थी। जनता कर्फ्यू के दिन आसनसोल से किसी तरह बरात के रूप में दुल्हा सहित पांच लोग अरगड्डा पहुंचे थे। शादी में शामिल होने के लिए 18-19 मार्च को हीं अरगडा में बाहर से सारे मेहमान पहुंच गए थे। दुल्हन के बड़े भाई जयदेव जगदल्ला ने बताया कि जनता कर्फ्यू के कारण 22 मार्च को शादी नहीं हो सकी। 23 मार्च की रात को शादी हुई। 24 मार्च को मंगलवार होने के कारण उस दिन लड़की की विदाई नहीं हो सकी। लेकिन उसी दिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा हाे गई। लड़का के पिता सहित चार बराती 23 मार्च की रात को हीं आसनसोल चले गए। उन्होंने बताया कि अब सामाजिक जिम्मेवारी निभाते हुए सभी मेहमानों की सेवा कर रहे हैं। लॉकडाउन हटने के बाद ही बहन की विदाई भी होगी। साथ ही मेहमानों को भी विदा करेंगे। फिलहाल लॉक डाउन में फंसे मेहमानों को किसी तरह से भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। परेशानी हो रही है। लेकिन कर्ज लेकर किसी तरह राशन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।