आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक पत्र भेजा है। उसे हम हूबहू छाप रहे हैं।
आप सभी मीडिया कर्मियों के माध्यम से मैं अपने विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के बारे में बताना चाहता हूं। मेरे खिलाफ पिछले कुछ दिनों से लगातार झूठी और मनगढ़ंत खबरें कुछ विशेष मीडिया कर्मियों द्वारा चलायी जा रही हैं। कुछ माह पूर्व मेरे खिलाफ एक खबर चलायी गयी कि जब मैं बिजली बोर्ड में आइजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत था, तो मैंने गलत तरीके से विजिलेंस रिपोर्ट समर्पित की थी। तब भी मैंने इस गलत खबर का खंडन भी किया था।
इसके बाद कुछ दिन पहले एक दूसरी खबर चलायी गयी जिसके अंदर मुझे धनबाद में हुई गांजा तस्करी के एक मामले में फंसाने का प्रयास किया गया।
मैं आप सबको बताना चाहूंगा कि इस प्रकरण में भुक्तभोगी महिला जिसके पति को कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा गलत केस में जेल भेजा गया था की मैंने स्वयं मदद की थी। यह महिला मुझसे मिली थी और उसने बताया था कि उसके पति को निरसा थाना में झूठा फंसाया गया है और यह भी बताया था कि इस कांड में पश्चिम बंगाल पुलिस के कुछ अधिकारी मिले हुए हैं। मैंने तत्काल उसी समय धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक को फोन करके पूरी बात की जानकारी दी थी और उस महिला को एसएसपी धनबाद से मिलने के लिए बोला था। कुछ दिन के बाद उस महिला ने मुझे फिर कॉल किया और बताया कि उसके पति के खिलाफ गोड्डा जिला के महागामा थाना में एक और वारंट भी निकाल दिया गया हैे। तब मैंने तुरंत गोड्डा के एसपी को फोन करके पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी। मुझे अच्छे से याद है कि गोड्डा के एसपी ने बताया था कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है परंतु वह तुरंत जांच करके अवश्य कार्यवाही करेंगे और यदि किसी के द्वारा उक्त महिला के पति को बेवजह फंसाया गया है तो उसे कांड से निकाल देंगे। मेरे लिए यह प्रकरण वहीं खत्म हो गया और मैं इससे अधिक कुछ नहीं जानता हूं। परंतु कुछ दिन पूर्व कुछ मीडिया कर्मियों ने खबर लिखना शुरू किया कि उक्त महिला के पति को मेरे इशारे पर इस कांड में फंसाया गया था। मुझे जानकारी मिली है कि इस प्रकरण की जांच की जा रही है। उम्मीद करता हूं कि जांच के बाद सभी तथ्य सामने आयेंगे। इस कांड में मेरे साथ एक मनोज गुप्ता का भी नाम जोड़ा गया। मुझे इस कांड में मनोज गुप्ता के संबंध में या उनकी इस प्रकरण में संलिप्तता के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। यदि वह इस कांड में संलिप्त है तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उस महिला का नाम और मोबाइल नंबर आज भी मेरे पास मेरे मोबाइल में सेव है।
इसके बाद एक नया प्रकरण शुरू किया गया है और एक धनबाद के व्यवसायी का टीवी इंटरव्यू करके मुझ पर पैसा वसूलने के गंभीर आरोप बिना किसी प्रकार के कोई तथ्य / प्रमाण के लगाये जा रहे हैं। अपने बयान में इस व्यवसायी ने मनोज गुप्ता को मेरा एजेंट बताया है। मैंने किसी मनोज गुप्ता को कभी भी इस प्रकार का कोई भी गलत काम करने को कभी नहीं कहा है। आरोप सरासर झूठा है। यदि मनोज गुप्ता या अन्य किसी व्यक्ति ने मेरा नाम लेकर कोई वसूली की है तो क्यों नहीं व्यवसायी उन पर उचित कार्रवाई करते हैं? मेरी इस व्यवसायी से कभी किसी प्रकार की कोई बातचीत/ मुलाकात कुछ भी नहीं है। मैं इस व्यवसायी को जानता तक नहीं हूं और ना कभी मिला हूं।
समर्पित-
अनुराग गुप्ता।