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    Home»Breaking News»कौन है बैजनाथ, किस आइपीएस के लिए करता था काम
    Breaking News

    कौन है बैजनाथ, किस आइपीएस के लिए करता था काम

    azad sipahiBy azad sipahiMay 20, 2020Updated:May 21, 2020No Comments3 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। अब एक नया नाम बड़ी तेजी से पुलिस महकमे में चर्चा में है। नाम है बैजनाथ प्रसाद। यह व्यक्ति पुलिस विभाग का मुलाजिम नहीं है, लेकिन इसके काम और खेल बड़े-बड़े हैं। किसे किस केस में फंसाना है, किसे हटाना है, किसका स्टिंग कराना है और फिर वसूली करनी है, यह सब कुछ उसके विरुद्ध हुई जांच में सामने आ चुका है। विशेष शाखा के अधिकारियों ने जो जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, उसमें उसकी हैसियत का जिक्र भी है। वह सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) का सदस्य है। दिन-रात पुलिस से जुड़ा रहा। यह वही शख्स है, जिसने खूंटी के युवाओं का भविष्य अंधेरे में डाल दिया है। एक सीनियर आइपीएस अधिकारी से मिल कर उनके खिलाफ देशद्रोह के कई केस दर्ज करा दिये। बाद में सरकार को पत्थलगड़ी से संबंधित सभी मामलों को वापस लेने का फैसला करना पड़ा। इसी व्यक्ति पर इस बात के आरोप पुष्ट हुए हैं कि वह गोंदा थाना के पीछे अवैध तरीके से चलाये जा रहे विशेष शाखा के समानांतर कार्यालय का एक तरह से इंचार्ज था।

    क्या होता था इस कार्यालय में
    यह कार्यालय खोला तो गया था सोशल मीडिया पर नजर रखने के नाम पर, लेकिन नजर रखी जा रही थी नेताओं, जमीन माफिया और बिल्डरों पर। आरोप यह भी है कि इसी कार्यालय के जरिये वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन, जो उस समय नेता प्रतिपक्ष थे, के पूरे परिवार की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। उस समय के मंत्री रहे सरयू राय भी इसकी नजर में थे। तत्कालीन जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर भी नजर रखी गयी थी। यहां से खूब सीडीआर निकाले गये। विशेष शाखा से अधिकारियों को यहां तैनात किया गया था। साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय और इसाई धर्मावलंबी भी निशाने पर थे। झारखंड सरकार के कुछ अधिकारियों के सीडीआर भी यहीं से निकाले गये थे, हालांकि जांच रिपोर्ट में सीडीआर निकालने का जिक्र इसलिए नहीं किया गया कि उसे छह माह तक ही संभाल कर रखने का नियम है। अन्य सारे आरोपों की पुष्टि जांच में हो चुकी है। कार्यालय खोलने के लिए एक पत्र भवन निर्माण विभाग को भेजा गया, जिसमें लिखा गया है कि मुख्यमंत्री (रघुवर दास) के निर्देश पर अलग से कार्यालय खोला जाना है। हालांकि सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। जिस भवन में कार्यालय चल रहा था, उसमें अवैध ढंग से विशेष शाखा के कर्मी घुस गये थे।
    हर जगह था हस्तक्षेप
    जिस आइपीएस अधिकारी से बैजनाथ जुड़ा रहा है, उनका नाम लेकर जूनियर अधिकारियों को वह खूब हड़काया करता था। साथ ही तबादला करा देने की धमकी देता था। अब उससे किसी भी दिन पूछताछ हो सकती है।

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