आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया। उन्होंने उद्योग जगत के साथ मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और उसमें वृद्धि को लेकर चर्चा की। उन्होंने देश को विकास की पटरी पर वापस लाने के लिए पांच ‘आइ’ का मंत्र दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया गया। यह कार्यक्रम सीआइआइ की स्थापना के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। बता दें कि उद्योग संगठन की स्थापना 1895 में हुई थी। सीआइआइ के 125वें वार्षिक सत्र का मुख्य विषय ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ यानी वृद्धि की राह पर लौटना रहा।
अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़ अनलॉक फेज वन में प्रवेश कर चुका है। अर्थव्यवस्था का काफी हिस्सा खुल चुका है। आठ जून के बाद और भी खुलेगा। जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर पसार रहा था, तभी भारत ने सही समय पर सही तरीके से सही कदम उठाये। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें, तो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना प्रभाव पड़ा है। भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए फिजिकल रिसोर्स को तैयार किया। उन्होंने कहा कि भारत को तेज विकास के पथ पर लाने के लिए पांच बातें बहुत जरूरी हैं। ये हैं इंटेंट (इच्छा), इंक्लूजन (समावेशी), इंफ्रास्ट्रक्चर (ढांचागत सुविधा), इनवेस्टमेंट (निवेश) और इनोवेशन (नवोन्मेष)। पीएम ने कहा कि हाल में कई फैसले लिये गये हैं। इसमें इनकी झलक दिख जायेगी। भारत बड़ी उड़ान के लिए तैयार है। हमारे लिए सुधार का मतलब है, फैसले लेने का साहस करना।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में लोगों के जीवन को बचाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में भी गति लानी है। अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सबसे जरूरी है। भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर जरूर लौटेगी। इसके लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से गरीबों को तुरंत लाभ मिला। 74 करोड़ लोगों के घर तक राशन पहुंचाया गया। गरीब परिवारों को 53 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय मदद की जा चुकी है। महिलाओं, दिव्यांगों, बुजुर्गों, श्रमिकों को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलिंडर उनके घरों तक मुफ्त में पहुंचाये हैं। निजी क्षेत्र के करीब 50 लाख कर्मचारियों के खाते में 24 फीसदी इपीएफ का योगदान किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उससे हमारे माइनिंग सेक्टर, एनर्जी सेक्टर या रिसर्च और टेक्नोलॉजी, हर क्षेत्र में इंडस्ट्री और युवा के लिए नये अवसर खुलेंगे। एमएसएमइ की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था। वह पूरी हो चुकी है। इससे एमएसएमइ बिना किसी चिंता के विकास कर पायेंगे और उनको एमएसएमइ का स्टेट्स बनाये रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि स्वभाविक है कि इस समय नये सिरे से मंथन चल रहा है और ऐसे समय में भारत से दुनिया की अपेक्षा और बढ़ी है। आज दुनिया का भारत पर विश्वास भी बढ़ा है और नयी आशा का संचार भी हुआ है। विश्व एक विश्वसनीय साथी की तलाश में है। भारत में क्षमता और ताकत है। आज पूरे विश्व में भारत के प्रति जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका आप सभी को पूरा फायदा उठाना चाहिए।
पीएम ने कहा कि अब जरूरत है कि देश में ऐसे उत्पाद बनें, जो ‘मेड इन इंडिया’ हों, ‘मेड फॉर वर्ल्ड’ हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नये लक्ष्य तय किये जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में उत्पादन बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे। मैं बहुत गर्व से कहूंगा कि सिर्फ तीन महीने के भीतर ही पीपीइ की सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री आपने ही खड़ी की है। उन्होंने कहा कि ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ इतना मुश्किल भी नहीं है और सबसे बड़ी बात कि अब भारतीय इंडस्ट्री के पास एक साफ रास्ता है, आत्मनिर्भर भारत का रास्ता। देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें।