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    Home»देश»अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस: सुहागनगरी की संस्कृति लोगों को कर रही है योग के प्रति जागरूक
    देश

    अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस: सुहागनगरी की संस्कृति लोगों को कर रही है योग के प्रति जागरूक

    sonu kumarBy sonu kumarJune 21, 2020No Comments4 Mins Read
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    फिरोजाबाद। योग की शिक्षा ने सुहागनगरी की संस्कृति के जीवन जीने के तरीके को ही बदल दिया है। बचपन में एक समर कैंप में योग से परिचय होने के बाद योग ने संस्कृति के मन और आत्मा पर ऐसी छाप छोड़ी कि उसने योग में ही अपना कैरियर बनाने मन बना लिया। संस्कृति खुद तो योग करती ही है साथ ही वह लोगों को भी योग के प्रति जागरूक कर रही है। कोरोना महामारी के इस समय में भी वह आनलाइन योगा क्लास चलाकर लोगों को योग करा रही है। उनका सपना है कि लोग दवाओं से ज्यादा योग पर विश्वास करें। योग को वह अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनायें जिससे कि वह रोग मुक्त रह सकें।
    फिरोजाबाद शहर के विभव नगर निवासी व्यवसायी नरेन्द्र अरोरा की 20 वर्षीय पुत्री संस्कृति अरोरा दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान की छात्रा है। देश में कोरोना महामारी के कारण हुये लाॅकडाउन के कारण वह इस समय फिरोजाबाद स्थित अपने घर पर ही है और आनलाइन योगा क्लास के माध्यम से लोगों को योगा करा रही है। इसके सोशल मीड़िया पर प्रचार प्रसार के माध्यम से भी शहर के लोगों को योग के प्रति जागरूक कर रही है।
    संस्कृति अरोरा ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुये अपनी योग की यात्रा और उसके अनुभवों को साझा करते हुये बताया कि बचपन से ही मुझे आत्मा, परमात्मा, मुक्ति जैसे शब्दों को जानने की इच्छा होती थी। योग की यात्रा की शुरूआत योग को जानने की उत्सुकता से शुरू हुई। मेरा योग से परिचय बचपन में एक समर कैंप द्वारा हुआ। उसके बाद योग ने मेरे मन और आत्मा पर बहुत गहरी छाप छोड़ दी। नीट की परीक्षा के द्वारा मुझे मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में दाखिला मिला। वहां मैंने जाना कि आपका मन आपके शरीर पर कितना प्रभाव डालता है। मैंने जाना कि कैसे हम योग के द्वारा अपने मन, इंद्रियों को नियंत्रित कर सकते हैं। योग की शिक्षा ने मेरे जीवन जीने के तरीका को बदल दिया है। सुबह जल्दी उठने का महत्व सिखाया, साधारण खान पान और सकारात्मक सोचना सिखाया।
    छात्रा संस्कृति अरोरा कहती है कि वह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद ज्ञापित चाहती है जिन्होंने योग को इतनी महत्वता दी। आज पूरी दुनिया योग व प्रणायाम की तरफ बढ़ रही है। विश्व के लगभग 200 से अधिक देश भारत की इस गौरवशाली वैदिक परंपरा का अनुसरण कर रहे है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही सम्भव हो सका है।
    आज जब पूरे देश में विपदा आ पड़ी है तो एकमात्र योग ही ऐसा साधन है जो एक आशीर्वाद की तरह हमारे साथ है। योग से हम अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाकर न केवल कोरोना जैसे जिद्दी वायरस से लड़ रहे हैं। बल्कि अपने पूरे शरीर को भी स्वस्थ रख सकते हैं। उनका कहना है कि अपने पूरे दिन में 30 मिनट योग को अवश्य दें। जिसमें आप सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, भद्रासन, नवासन, नाड़ी शोधन, प्राणायाम जैसी योगिक क्रियाओं को अपनी जीवनशैली में जरूर अपनाएं।
    संस्कृति अरोरा का सपना है कि आने वाले समय में लोग दवाईयों से ज्यादा योग पर निर्भर हो। क्योंकि योग करने से कोई हानि नही होती है। लोगों में जागरूकता पैदा करनी है कि आप योग तब शुरू न करिये जव आपको कोई बीमारी हो जाये बल्कि आप योग को बीमारी लगने से पहले अपने जीवन में अपनाएं। ताकि आपको कोई बीमारी हो ही नही। योग को एक वैकल्पिक चिकित्सा नहीं बल्कि पहली प्राथमिक चिकित्सा के रूप में ले। वह चाहती है कि योग हर देश, प्रदेश के साथ हर घर और व्यक्ति तक पहुंचे। जिससे देश का प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ और निरोगी हो सके वह दवाओं पर निर्भर न रहकर योग के द्वारा आत्मनिर्भर हो सके। जिससे देश खुशहाल हो।
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    sonu kumar

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