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    Home»मनोरंजन»बॉलीवुड»91 वर्ष की हुईं स्वर कोकिला लता मंगेशकर, जानें उनकी कुछ खास बातें
    बॉलीवुड

    91 वर्ष की हुईं स्वर कोकिला लता मंगेशकर, जानें उनकी कुछ खास बातें

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 28, 2020No Comments3 Mins Read
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    देश और दुनिया भर में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली स्वरकोकिला लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। वह 91 साल की हो गई हैं।  लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर और माता का नाम शेवंती था। लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे, जबकि मां गुजराती थी। लता के जन्म के समय उनका नाम हेमा रखा गया था जिसे बदल कर लता कर दिया गया। दीनानाथ ने लता को तब से संगीत सिखाना शुरू किया जब वे पांच साल की थी। लता मंगेशकर पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं।
    वर्ष 1942 में लता मंगेशकर के पिता का देहांत हो गया। इस समय इनकी उम्र मात्र तेरह साल थी। भाई बहनों में बड़ी होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आया गया। नवयुग चित्रपट फिल्‍म कंपनी के मालिक और उनके पिता के दोस्‍त मास्‍टर विनायक (विनायक दामोदर कर्नाटकी) ने परिवार को संभाला और लता मंगेशकर को एक सिंगर और अभिनेत्री बनाने में मदद की। लता मंगेशकर को पिता की असामयिक निधन की वजह से पैसों के लिए उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम करना पड़ा।
    अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। उसके बाद उन्होंने माझे बाल (1943), चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946), मांद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) जैसी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं अदा की। बड़ी मां में लता ने नूरजहां के साथ अभिनय किया। उन्होंने खुद की भूमिका के लिए गाने भी गाए। लता को सदाशिवराव नेवरेकर ने एक मराठी फिल्म में गाने का अवसर 1942 में दिया। लता ने गाना रिकॉर्ड भी किया, लेकिन फिल्म के फाइनल कट से वो गाना हटा दिया गया। 1942 में रिलीज हुई मंगला गौर में लता की आवाज सुनने को मिली। इस गाने की धुन दादा चांदेकर ने बनाई थी। 1943 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘गजभाऊ’ में लता ने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ गाया।
    1945 में लता मंगेशकर मुंबई शिफ्ट हो गई। फिल्म बड़ी मां (1945) में गाए भजन ‘माता तेरे चरणों में’ और 1946 में रिलीज हुई ‘आपकी सेवा में’ लता द्वारा गाए गीत ‘पा लागूं कर जोरी’ ने लोगों का ध्यान लता की ओर खींचा। गुलाम हैदर ने लता से ‘मजबूर’ (1948) में एक गीत ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा’ गवाया। यह गीत लता का पहला हिट माना जा सकता है। उसके बाद 1949 में लता ने फिल्म ‘महल’ का गाना ‘आएगा आने वाला’ गाया जिसे मधुबाला पर फिल्माया गया था। यह गाना सुपरहिट रहा। इसके बाद लता मंगेशकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
    अपने करियर में लता मंगेशकर ने कई भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं। उन्होंने कभी भी चप्पल पहनकर गाना नहीं गाया। हमेश नंगे पैर ही वे गाना रिकार्डिंग करवाती रही हैं। भारत रत्न लता मंगेशकर ने करीब सात दशकों तक अपनी गायिकी से दुनिया पर राज किया है। लता मंगेशकर को 2001 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया था। गायिकी क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान देने के लिए उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। 1974 में लता मंगेशकर लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली पहली इंडियन बनी थीं। इतिहास की सर्वाधिक गाने गानी वाली कलाकार के रूप में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 1974 में ही दर्ज हो गया था। 91 साल के उम्र के बावजूद वह आज भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।
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    sonu kumar

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