अजय शर्मा
रांची (आजाद सिपाही)। झारखंड में बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी की तैयारी शुरू हो गयी है। इस काम में कुछ आइपीएस अधिकारी भी जुटे हैं। झारखंड और दूसरे राज्यों के कोयला तस्करों से संपर्क साधा जा रहा है। बड़े तस्करों से डील की तैयारी है। इस बार 20 का नया नोट डिस्को कोयला का पासिंग कोड होगा। अभी धनबाद और बोकारो में कोयला तस्करी जोरों पर चल रही है। इसे पूरे राज्य में फैलाया जायेगा। समय रहते इस पर रोक नहीं लगायी गयी, तो अधिकारी राज्य सरकार को बदनाम कर सकते हैं। कुछ अधिकारी तो कोयला तस्करों के पार्टनर बनने तक को तैयार हो गये हैं। इस बार भी तस्करी की पूरी जवाबदेही बंगाल के बड़े कोल तस्कर अरुण मांजी उर्फ लाला उर्फ अल्ला रक्खा को दिया जा रहा है। इसी का सिंडिकेट झारखंड में तस्करी को अंजाम देगा। हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर से इसकी शुरुआत हो सकती है। इसमें हजारीबाग, रांची, बोकारो, धनबाद के तस्कर भी शामिल रहेंगे। बताते चलें कि लाला के घर इसी माह सीबीआइ की छापामारी हुई थी। इसमें एक डायरी मिली थी। इसमें झारखंड के कुछ अधिकारियों के नाम भी हैं। इन्हें लाला उपकृत भी करता रहा है। वैसे ही अधिकारी इस बार गोलबंद हो रहे हैं। इसकी अगुवाई बड़े आइपीएस अधिकारी कर रहे हैं। झारखंड वैसे भी पहले से कोयला तस्करी करने-करवाने के लिए बदनाम रहा है। यहां से कोयला बनारस की मंडियों में भेजा जाता है। मुख्य रूप से जीटी रोड अवैध कोयला तस्करों का मुख्य मार्ग होता है। इस बार एक ट्रक अवैध कोयला के लिए 50 हजार रुपये पुलिस को देना होगा।
तस्करी के लिए कुख्यात दारोगा और इंस्पेक्टर बनाये जा रहे थानेदार
कोयला तस्करी करने और करवाने के लिए कुख्यात दारोगा और इंस्पेक्टर को वैसे इलाके का थानेदार बनाया जा रहा है, जो कोयला तस्करी के लिए पहले से बदनाम रहा है।
झारखंड में बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी की तैयारी
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