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    Home»Jharkhand Top News»हर वादा निभायेंगे, हमारा वादा जुमला नहीं : डॉ रामेश्वर उरांव
    Jharkhand Top News

    हर वादा निभायेंगे, हमारा वादा जुमला नहीं : डॉ रामेश्वर उरांव

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 29, 2020No Comments4 Mins Read
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    भगवान बुद्ध का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव है। साफगोई और बिना लाग-लपेट के बातें कहना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा। बतौर आइपीएस अधिकारी वे जितने चर्चित रहे, उससे अधिक ख्याति उन्हें राजनेता के रूप मेें मिली है। वे झारखंड सरकार में वित्त मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव हैं। उनके आवास पर दयानंद राय ने विभिन्न मुद्दों पर लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है उस बातचीत का संपादित अंश।

    सवाल : वित्त मंत्री के तौर पर आपके एक साल के कार्यकाल की प्रमुख चुनौतियां क्या रहीं ?
    जवाब : हमने पूर्व की भाजपा सरकार की फिजूलखर्ची का खामियाजा भुगता। सरकार गठन के बाद मार्च में ही कोरोना संक्रमण शुरू हो गया। इस दौरान सरकार की आय घट गयी। ऐसे में पहले से चल रही योजनाओं के लिए राजस्व जुटाना सबसे बड़ी चुनौती थी। पूर्व की सरकार हाथी उड़ाने में व्यस्त रही, पर डीवीसी का बकाया नहीं चुकाया। डीवीसी को पांच साल तक बकाया नहीं देने के कारण उसका राज्य पर 5800 करोड़ बकाया हो गया। इस बकाये के कारण केंद्र सरकार ने हमारे 1417 करोड़ रुपये काट लिये। हमने यह कर्जा इंस्टालमेंट में चुकाना तय किया है। जनवरी, अप्रैल और जून में हमने हर महीने 714 करोड़ डीवीसी को देने का निर्णय लिया है। आंतरिक राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए हमने प्रोफेशनल टैक्स की वसूली शुरू की है। इससे सालाना करीब 30 करोड़ का राजस्व आयेगा। पूर्व की सरकार एक रुपये में 50 लाख की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री योजना चला रही थी। इससे गरीबों को कोई फायदा नहीं हो रहा था। हमने यह योजना बंद की और अब इससे भी राजस्व आ रहा है। इसके अलावा अब उत्पाद और अन्य तरह के टैक्स का संग्रहण शुरू हो गया है। इसके अलावा राज्य में माइनिंग और वन क्षेत्र से भी बड़े पैमाने पर राजस्व संग्रह संभव है। हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। हम जमीन पर काम कर रहे हैं और इसके अच्छे नतीजे आ रहे हैं।
    सवाल : सरकार के घटक दलों ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उन्हें कैसे पूरा किया जायेगा?
    जवाब : मैनिफेस्टो में किये गये हर वादे को हम प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे। हमारा वादा जुमला नहीं है। सरकार ने राज्य के पंद्रह लाख परिवारों को राशन देना तय किया है। जनवरी से उन्हें इसका लाभ मिलना शुरू हो जायेगा। गरीबों के लिए पांच लाख राशन कार्ड बनकर तैयार हैं। जिन गरीब और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का फायदा नहीं मिल रहा था अब ऐसे पंद्रह लाख परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। उन्हें हर महीने पांच रुपये में पांच किलो अनाज दिया जायेगा। किसानों की कर्ज माफी का भी हमने निर्णय लिया है। कोरोना काल में संसाधनों की कमी से हम जूझ रहे थे, अब आमदनी हो रही है तो सरकार जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप खर्च कर रही है। युवाओं को रोजगार अधिक से अधिक कैसे मिले इस दिशा में भी सरकार काम कर रही है। हम खर्च बढ़ायेंगे तो उसी अनुपात में रोजगार सृजित होगा।
    सवाल : राज्य में धान की खरीदारी रोकने के आपके निर्णय की विपक्ष ने आलोचना की। क्या यह निर्णय सही था?
    जवाब : नमीयुक्त धान की खरीदारी करना सही नहीं होता। इसलिए धान खरीद पर रोक लगाने का फैसला करना पड़ा। भाजपा के एक विधायक ने मुझे फोन किया था। उसने कहा कि आपका यह निर्णय सही नहीं है। जवाब में मैंने कहा कि क्या राज्य में आपकी सरकार होती तो यह निर्णय लेते। उनका जवाब था, नहीं। राजनीति के लिए विरोध करना अलग चीज है, ईमानदारी से काम करना दूसरी चीज। हमारी सरकार ईमानदारी से काम कर रही है। सरकार ने राज्य में धान क्रय केंदों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। सभी केंद्रों में धान की खरीदारी चल रही है। इस साल बीते वर्ष की तुलना में अधिक धान की खरीदारी की जायेगी।

    not our promise: Dr. Rameshwar Oraon Will keep every promise
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