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    Home»Jharkhand Top News»नववर्ष में नयी उम्मीदों का विश्वास साकार करने का संकल्प ले रहे गुमलावासी
    Jharkhand Top News

    नववर्ष में नयी उम्मीदों का विश्वास साकार करने का संकल्प ले रहे गुमलावासी

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 31, 2020No Comments3 Mins Read
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    रमेश पांडेय
    गुमला। उम्मीदों में विश्वास के बीज अंकुरित होते हैं। आनेवाले नववर्ष में गुमला के लोग त्रासदी वर्ष 2020 को विदा देने के साथ नयी उम्मीदों को साकार करने के लिए नया संकल्प लेने की तैयारी में जुट गये हैं। नयी उम्मीद और नया विश्वास के साथ नव वर्ष के आगमन की तैयारी में जुट गये हैं।

    नये वर्ष की पहली उम्मीद
    गुमला की प्रकृति में सुंदरता है। यह सुंदरता सर्व कल्याण से भरपूर है। इसी कारण से गुमला के लोग नये वर्ष में निरोग और पूर्ण स्वस्थ समाज की कामना से प्रवेश करना चाहते हैं। बीते साल गुमला कोविड-19 की चपेट में आ गया था। भय से लोग कांप उठे थे। जीवन की गतिविधियों पर अंकुश लग गया था। जीवन की गतिविधियों पर लगे अंकुश की चिंता छोड़ लोगों ने संघर्ष से विजयी होने का जज्बा दिखाया और बहुत हद तक अपने मिशन को हासिल करने में कामयाबी हासिल की। नये साल में कोरोना को पूरी तरह से मात देने के संकल्प के साथ लोग प्रवेश करना चाहते हैं।
    दूसरी उम्मीद
    नव वर्ष में लोग इस उम्मीद से प्रवेश करना चाहते हैं कि कोरोना को मात देने के साथ ही भविष्य संवारें और बच्चों की पढ़ाई आरंभ कराने की परिस्थिति पैदा करें। पिछले नौ माह से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। दसवीं और बारहवीं की कक्षाओं में पठन-पाठन आरंभ हो चुका है। अगले साल सभी कक्षाओं में पढ़ाई हो, जिससे नौनिहालों के जीवन को संवारा जा सके। नये साल में लोग शिक्षा का साल मनाने की चाहत रखे हैं।
    तीसरी उम्मीद
    जीवन के लिए सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है। गुमला जिला स्वास्थ्य के मामले में अति पिछड़ा है। केंद्र सरकार ने आकांक्षी जिला का दर्जा दिया है। विशेष सहायता राशि देना आरंभ किया है। सहायता राशि का उपयोग सिर्फ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के भवन निर्माण की ओर प्रशासन का ध्यान गया है। चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की कमी दूर करने का काम नहीं हुआ है। साथ ही गंभीर और असाध्य बीमारियों के उपचार का इंतजाम नगण्य है। लोगों की उम्मीद केंद्र एवं राज्य सरकार से है कि इन कमियों को दूर किया जाये। हालांकि सांसद सुदर्शन भगत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से मिल कर पहल भी की है।
    चौथी उम्मीद
    गुमला के लोग आशान्वित हैं। निराशा से सरोकार नहीं रखते हैं। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की अपेक्षा पाले लोग प्रधानमंत्री से काफी उम्मीद लगाये बैठे हैं। छोटे-छोटे कारोबारियों को जिस तरह से कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी गयी है, उसी प्रकार मझोले और बड़े व्यापारी चाहत पाले हुए नये वर्ष में प्रवेश करने को इच्छुक नजर आते हैं। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेश लाल और गुमला चेंबर अध्यक्ष कहते हैं कि नयी उम्मीद पालना हमारी परंपरा भी है और विरासत भी। इसी के साथ युवा वर्ग ने बेरोजगारी मिटे और रोजगार का अवसर पैदा हो, इसी उम्मीद से नये वर्ष में प्रवेश करने की ठान रखी है।
    पांचवीं उम्मीद
    अपनी सुंदरता के लिए गुमला में कई ऐसे स्थल हैं, जो अपनी धवल जलधाराओं से आकर्षण की चमक बिखेर रहे हैं। नागफेनी, बाधमुंडा और हीरादह के जलप्रपात इनमें शुमार हैं। इन जलप्रपातों में जितनी सुंदरता है, उतना ही खतरा भी है। इन जलप्रपातों में जल क्रीड़ा जितना आनंददायी है, उतना ही जान जाने का भय। लोग चाहते हैं कि नववर्ष में उन स्थलों पर सुरक्षा का इंतजाम हो। सरकारी आदेश का पालन हो। इसी तरह पालकोट के गोबरसिल्ली, धेड़लता पहाड़, ऋषिमुख पर्वत, देवाकी धाम, बाबा टांगीनाथ, नगर के नवरतन गढ़ का पर्यटन के लिहाज से नव वर्ष में विकास हो, जिससे रोजगार के नये द्वार खुल सकें।

    Gumlawasi who are pledging to make new faith believe in new year
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