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    Home»Breaking News»डेमोक्रेसी में सरकार बदलती रहती है इसलिए झामुमो का टूल न बने पुलिस : बाबूलाल
    Breaking News

    डेमोक्रेसी में सरकार बदलती रहती है इसलिए झामुमो का टूल न बने पुलिस : बाबूलाल

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 25, 2021Updated:July 25, 2021No Comments4 Mins Read
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    • सरकार गिराने की साजिश पर बोले बाबूलाल मरांडी
    • राज्य सरकार पुलिस से वसूली का धंधा करवा रही है
    • पकड़े गये आरोपियों को बाइज्जत रिहा करे पुलिस
      आजाद सिपाही संवाददाता
      रांची। भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड सरकार गिराने के पूरे प्रकरण की सच्चाई सामने लाने के लिए हाइकोर्ट के सीटिंग जज की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को झामुमो का टूल नहीं बनना चाहिए। लोकतंत्र में सरकारें आती-जाती रहती हैं। यही सरकार स्थायी नहीं है। कल किसी दूसरे दल की सरकार बनेगी। उस समय ऐसे पुलिस पदाधिकारियों को छोड़ा नहीं जायेगा। रिटायरमेंट के बाद भी उनके कृत्यों की जांच होगी। इसलिए बेहतर यही होगा कि पुलिस झामुमो का टूल न बने और कानून की हिफाजत करे। जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें बाइज्जत बरी किया जाना चाहिए। यदि सरकार ने एसआइटी गठित करके पूरे मामले की जांच नहीं करायी तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी। आखिर राज्य की जनता की हिफाजत की जिम्मेवारी हमारी भी है। वे प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बीते एक सप्ताह से स्पेशल ब्रांच की पुलिस छापेमारी कर रही है। पता नहीं उन्हें कहां से सूचना मिली है कि गठबंधन सरकार को गिराने के लिए कुछ लोग झोली में रुपये लेकर घूम रहे हैं। सरकार ने 22 ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन 22 रुपया भी नहीं मिला। उस समय भी मैंने ट्वीट कर कहा था कि सरकार पैसा वसूली का नया क्षेत्र ढूंढ रही है। राज्य में पैसा उगाही के लिये महाराष्ट्र मॉडल अपनाने में राज्य सरकार लगी है। पहले हेमंत सरकार कोयला, बालू, आयरन ओर और पत्थर से पैसे वसूल रही थी। महाराष्ट्र के सीएम के बेटे आदित्य ठाकरे को इस साल फरवरी से यहां के सीएम ट्विटर पर फॉलो कर रहे हैं। वहां की सरकार के एक मंत्री अनिल देशमुख अवैध तरीके से पैसे की कमाई के फेर में फंसे हुए हैं। पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर पैसे की उगाही का गंभीर आरोप लगाया था। अब झारखंड भी उसी दिशा में जा रहा है। श्री मरांडी ने कहा कि इसी तरह जिन तीन लोगों को राजद्रोह और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसके बारे में कायदे से ना तो सरकार और ना ही पुलिस-प्रशासन सामने आकर ठीक से कुछ बता रहा है। एक मामूली सा प्रेस ब्रीफ पुलिस ने 24 जुलाई को जारी किया था जबकि इस मामले में डीजीपी या स्पेशल ब्रांच के एडीजी को प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी बात रखनी चाहिए पर प्रेस कांफ्रेंस झामुमो के नेता करते हैं।
      ठेका मजदूर है अमित सिंह
      बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में निवारण महतो, अमित सिंह और अभिषेक दुबे की गिरफ्तारी हुई है। उनके परिजनों ने 24 जुलाई को पुलिस से वास्तविकता बताने का आग्रह किया पर सहयोग नहीं मिला। उनके परिजनों ने रात 9 बजे मुझसे मिलकर सारी जानकारी दी। उनका कहना था कि 22 जुलाई की रात एक बजे बोकारो पुलिस ने निवारण महतो को पूछताछ के नाम पर घर से उठा लिया। 23 की सुबह जब उसके परिजन थाना गये तो वहां अमित सिंह को भी देखा। इसके बाद पुलिस एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो में दोनों को लेकर चली गयी। तबसे दोनों का पता नहीं था। निवारण महतो फल विक्रेता हैं तो अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर। दुबे के पिता की छोटी-मोटी दुकान है। सरकार को चाहिये कि वह भी इस मामले में गंभीरता दिखाये। इस तरह की परंपरा से कल को पुलिस किसी के भी घर में कभी भी आकर पकड़कर ले जा सकती है। मनमाना केस दर्ज कर सकती है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की एसआइटी से जांच होनी चाहिए। मैं सीबीआई इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि सीबीआई कहूंगा तो कहा जायेगा कि सीबीआई केंद्र की संस्था है। उन्होंने कहा कि पुलिस को यह भी बताना चाहिए कि जिन 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई, वह किसके कहने पर की गयी थी। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पुलिस से वसूली का धंधा करवा रही है।
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